अब पाकिस्तान भी अपनी ट्रेनों का बदल रहा रूप रंग, कोरोना वायरस मरीजों के आएगी काम

भारत की देखादेखी अब पाकिस्तान भी अपनी ट्रेनों को कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए बना रही है। बिजनेस और एसी क्लास की ट्रेनों को इस तरह से बदला जा रहा है।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Tue, 31 Mar 2020 03:16 PM (IST) Updated:Tue, 31 Mar 2020 03:16 PM (IST)
अब पाकिस्तान भी अपनी ट्रेनों का बदल रहा रूप रंग, कोरोना वायरस मरीजों के आएगी काम
अब पाकिस्तान भी अपनी ट्रेनों का बदल रहा रूप रंग, कोरोना वायरस मरीजों के आएगी काम

इस्लामाबाद। वैसे तो पाकिस्तान हमेशा से ही भारत को अपना दुश्मन मनाता रहा है मगर कई सारे काम वो भारत में आइडिया डेवलप होने के बाद उसकी देखादेखी ही करता है। इन दिनों पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का कहर है। सभी देश अपने यहां कोरोना से संक्रमित होने वाले मरीजों के इलाज के लिए खासा चिंतित और परेशान है। इलाज करने के लिए निजी और सरकारी अस्पताल कम पड़ते जा रहे हैं। पाकिस्तान की द डॉन वेबसाइट में इसके बारे में खबर प्रकाशित की गई है। 

भारत सरकार ने कुछ दिन पहले ही अपने यहां लॉकडाउन करके सभी यात्री ट्रेनों को निरस्त कर दिया है, इन ट्रेनों के बे़ड़ों का इस्तेमाल कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए किया जा रहा है। ऐसी कई ट्रेनों को मरीजों के आइसोलेशन वार्ड और आइसीयू में तब्दील किया जा चुका है। अब भारत की देखादेखी ही पाकिस्तान ने भी अपने यहां बिजनेस क्लास और एयर कंडीशन स्लीपर कोचों को इसी तरह के मरीजों के इलाज के हिसाब से कनवर्ट करना शुरू कर दिया है। जबकि इससे पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा था कि वो लॉकडाउन नहीं कर सकते क्योंकि ऐसा करने से देश में भूखमरी के हालात पैदा हो जाएंगे, देश की अर्थव्यवस्था ऐसी नहीं है कि लॉकडाउन करने जैसे कदम उठाए जा सके। ऐसा कहने पर इमरान की काफी आलोचना हुई थी।

इसी के बाद से पाकिस्तान में भी ट्रेन सेवाएं अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दी गई है। अब पाकिस्तान रेलवे ने कोरोवायरस से पीड़ित रोगियों के लिए लगभग 2,000 बिस्तरों को समायोजित करने के लिए अपनी सभी बिजनेस क्लास और वातानुकूलित स्लीपर कोच को मोबाइल आइसोलेशन वार्ड में परिवर्तित कर दिया है। रेल मंत्री शेख राशिद अहमद ने बताया कि ये मोबाइल आइसोलेशन वार्ड अब तैयार हैं और रेलवे ट्रैक से जुड़े देश के किसी भी हिस्से में अधिकारियों के अनुरोध पर भेजे जा सकते हैं क्योंकि मौजूदा स्वास्थ्य सुविधाएं कोरोनोवायरस रोगियों की संख्या का सामना करने में असमर्थ हैं।

सोमवार को रावलपिंडी रेलवे स्टेशन पर इस तरह से तैयार की गई एक ट्रेन को भी दिखाया गया। इस ट्रेन में सभी 220 कोचों को मोबाइल आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया गया है। प्रत्येक कोच में नौ डिब्बे होते हैं जिसका मतलब है कि एक डिब्बे में नौ वार्ड उपलब्ध हैं। इसके अलावा, पाकिस्तान रेलवे के सभी सात डिवीजनों - रावलपिंडी, पेशावर, लाहौर, कराची, क्वेटा, सुक्कुर और मुल्तान में 100 बेड एक-एक वेंटिलेटर से सुसज्जित किए गए हैं। रेलवे के सभी सात अस्पतालों में चिकित्सा सेवाएं पाकिस्तान रेलवे द्वारा प्रबंधित की जाती हैं और कोरोनोवायरस से प्रभावित मरीजों के लिए कई औषधालय भी उपलब्ध हैं।

पाकिस्तान रेलवे ने कोरोनावायरस के प्रसार की जांच करने के लिए देश भर में सभी यात्री ट्रेनों को निलंबित करने की घोषणा कर दी थी। ये कदम भी पाकिस्तान ने भारत की देखादेखी ही उठाए थे, दरअसल भारत ने कोरोना वायरस के प्रसार को कम करने के लिए ही ये कदम उठाया था। उसी के बाद पाकिस्तान ने भी ऐसा कदम उठाया। सरकार ने माल गाड़ियों के संचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया था, तो पाकिस्तान ने भी माल ढुलाई करने वाली ट्रेनों पर कोई रोक नहीं लगाई है वहां भी ये ट्रेनें चल रही हैं।

पाकिस्तान में भी कोरोना वायरस के मरीजों की संख्या में दिनोंदिन इजाफा हो रहा है। अब तक 1870 मरीज पाए जा चुके हैं। 24 संक्रमितों की मौत हो चुकी है। इस वजह से ऐसा माना जा रहा है कि फिलहाल पाकिस्तान में लंबी दूरी की ट्रेन सेवा पूरे अप्रैल माह तक स्थगित रहेगी। पाकिस्तान रेलवे स्थिति को सामान्य करने तक यात्री ट्रेन सेवा का संचालन नहीं करेगा। हालांकि, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की स्थिति इटली, स्पेन या संयुक्त राज्य अमेरिका की तरह खराब नहीं थी। मगर एहतियातन ऐसे कदम उठाए गए हैं जिससे संक्रमित होने वालों की संख्या पर रोक लगाई जा सके।  

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