आतंकी फंडिंग पर मूडी ने पाकिस्तानी बैंकों को दी चेतावनी, आइएमएफ को मनाने में जुटे इमरान
मूडी ने पाकिस्तानी बैंकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनके देश में आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो वो अंतरराष्ट्रीय कारोबार खो सकते हैं
कराची, पीटीआइ। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने मूडी ने पाकिस्तानी बैंकों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर उनके देश में आतंकी फंडिंग को रोकने के लिए एफएटीएफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई तो वो अंतरराष्ट्रीय कारोबार खो सकते हैं और वैश्विक लेन-देने के लिए उन्हें अधिक भुगतान करना पड़ सकता है। संयुक्त राष्ट्र की संस्था एफएटीएफ ने आतंकी फंडिंग रोकने के लिए कुछ बिंदुओं पर कार्रवाई करने के लिए पाकिस्तान को जून तक का समय दिया है।
मूडी की निवेश सेवा ने गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा है कि पाकिस्तानी बैंकों के लिए नकारात्मक घोषणा इस आधार पर की गई है क्योंकि उनके विदेशी सेवाओं पर और अधिक पाबंदियां लगाए जाने की संभावना है। पेरिस मुख्यालय वाली संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा तय बिंदुओं पर पाकिस्तान अगर इस साल जून तक कार्रवाई नहीं करता है तो उसे काली सूची में डाल दिया जाएगा। अभी पाकिस्तान 'ग्रे लिस्ट' में है। काली सूची में जाने का मतलब है कि पाकिस्तान को विदेशी वित्तीय संस्थाओं से मदद और मुश्किल हो जाएगी।
इस बीच भारत ने भी संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान से दो टूक कहा है कि वह अपने इलाकों में चल रहे आतंकी कैंपों को नष्ट करे। इसके साथ ही भारत ने जम्मू कश्मीर में विकास योजनाओं को पटरी से उतारने की पाकिस्तान की साजिशों की भी निंदा की। भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव विमर्श आर्यन (Vimarsh Aryan) ने कहा कि पाकिस्तान आतंकी संगठनों की फंडिंग बंद करे और अपनी जमीन से संचालित आतंकी कैंपों को नष्ट करे। गौरतलब है कि पाकिस्तान पर पड़ा यह चौतरफा दबाव FATF के पेरिस में लिए गए फैसले के ठीक एक हफ्ते बाद सामने आया है।
गौरतलब है कि अपनी अर्थव्यवस्था को डूबने से बचाने के लिए इमरान खान (Imran Khan) सरकार के पास बस पांच महीने का समय है। एफएटीएफ चेतावनी दे चुका है कि यदि जून 2020 तक पाकिस्तान सरकार आतंकवादियों और आतंकी संगठनों को मिलने वाले फंड को रोकने के लिए विश्व बिरादरी को संतुष्ट करने वाला कदम नहीं उठाता है तो उसके खिलाफ ऐसे कदम उठाए जा सकते हैं जो उसकी बेहाल अर्थव्यवस्था के लिए घातक साबित हो सकते हैं। यह कदम फाइनेंशिएशल एक्शन टास्क फोर्स की ओर से उठाया जाएगा।