इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं दिखेंगे विदेशी मेहमान

इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं दिखेगा कोई भी विदेश मेहमान। इमरान ने कहा कि समारोह सादे ढंग से होगा।

By Nancy BajpaiEdited By: Publish:Thu, 02 Aug 2018 02:57 PM (IST) Updated:Thu, 02 Aug 2018 03:30 PM (IST)
इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं दिखेंगे विदेशी मेहमान
इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में नहीं दिखेंगे विदेशी मेहमान

इस्लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्तान के होने वाले नए वजीर-ए-आज़म और पीटीआइ प्रमुख इमरान खान 11 अगस्त को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। लेकिन इस खास मौके पर आपको कोई भी विदेशी मेहमान नजर नहीं आएगा। जैसे इमरान खान ने डी-चौक या परेड ग्राउंड जैसी खुली जगह पर शपथ ग्रहण करने का फैसला बदल दिया। ठीक उसी तहत, अब मेहमानों की लिस्ट में भी बदलाव कर दिया गया है। पीटीआइ प्रमुख ने अब फैसला किया है कि शपथ समारोह में विदेश गणमान्य समेत किसी भी सेलिब्रिटी को नहीं बुलाया जाएगा।

नहीं होगी कोई फिजूलखर्ची

क्रिकेटर से राजनेता बने इमरान खान की प्रधानमंत्री बनने की लंबी इच्छा अब पूरी होने जा रही है। इसका जश्न मनाने के लिए पार्टी (PTI) ने शुरुआत में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बॉलीवुड के सुपरस्टार अमीर खान और क्रिकेट हस्तियों कपिल देव, सुनील गावस्कर और नवजोत सिंह समेत कई विदेशी व्यक्तित्वों को आमंत्रित करने की योजना बनाई थी। हालांकि इमरान का एक बार फिर हृदय परिवर्तन हो गया और उन्होंने कहा कि समारोह सादे ढंग से होगा, इसमें कोई चकाचौंध नहीं होगी। पीटीआइ के प्रवक्ता फवाद चौधरी ने कहा, 'पीटीआइ अध्यक्ष ने शपथ ग्रहण समारोह को साधारण ढंग से आयोजित करने का निर्देश दिया है। वह ऐवान-ए-सदर (राष्ट्रपति भवन) में एक साधारण समारोह में अपनी शपथ लेंगे।' उन्होंने बताया, 'यह निर्णय लिया गया है कि समारोह में कोई भी विदेश गणमान्य आमंत्रित नहीं किए जाएंगे। यह पूरी तरह से राष्ट्रीय समारोह होगा। इमरान खान के कुछ करीबी दोस्तों को आमंत्रित किया जाएगा।' चौधरी ने कहा कि समारोह में किसी प्रकार की फिजूलखर्ची नहीं होगी।

न मोदी, न चिनफिंग, साधा होगा शपथ समारोह

आपको बता दें कि शपथ ग्रहण में विदेशी नेताओं को बुलाने को लेकर PTI ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालयों से पूछा था. जिसके बाद अब विदेश मंत्रालय का जवाब आया है। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने गुरुवार को कहा कि इमरान खान के शपथ ग्रहण समारोह में किसी भी विदेशी नेता को नहीं बुलाया जा रहा है। इससे साफ जाहिर है कि न तो इस समारोह में गावस्कर, कपित देव जैसे करीबियों को बुलाया जा रहा है। साथ ही, इमरान प्रधानमंत्री मोदी को भी न्योता नहीं देंगे। इसके अलावा पाकिस्तान के खास दोस्त चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग को भी आधिकारिक न्योता नहीं दिया जाएगा।

भारत के साथ बेहतर संबंध

बता दें कि 25 जुलाई को नेशनल असेंबली के लिए हुए चुनावों में इमरान खान की तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है और अब वे देश के अगले प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं। चुनाव परिणाम आने के बाद जब यह साफ हो गया कि इमरान अगले पीएम होंगे, उस वक्त उन्होंने अपने विजयी भाषण में भारत के साथ बेहतर संबंध बनाने की आशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच अच्छे संबंध सभी के लिए बेहतर होंगे। उन्होंने दावा किया था कि उनके पास किसी अन्य पाकिस्तानी नेता की तुलना में भारत में अधिक दोस्त हैं। उन्होंने संबंधों में सार्थक प्रगति के लिए कश्मीर विवाद समेत दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दों के समाधान के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि यदि भारतीय नेतृत्व तैयार हैं तो इस्लामाबाद भी नई दिल्ली के साथ संबंध सुधारने के लिए तैयार है।

गावस्कर-कपिल देव से अच्छे संबंध

बता दें कि इमरान के शपथ ग्रहण समारोह में सुनील गावस्कर के जाने की बात इसलिए भी सामने आई क्योंकि गावस्कर के इमरान के साथ अच्छे संबंध रहे हैं। वे उन्हें छोटा भाई कहकर बुलाते हैं। उनका इमरान के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध रहा है। इसी प्रकार कपिल देव 1980 के दशक में चार प्रोफेशनल क्रिकेटरों के समूह के बीच वर्ल्ड क्लास ऑलराउंडर्स में से एक हैं। अन्य इमरान खान, इयान बॉथम और सर रिचर्ड हैडली थे। हालांकि प्रोफेशनल प्रतिद्वंद्वी थे, लेकिन स्टेडियम के बाहर वे अच्छे दोस्त थे। इस बीच कपित देव ने भी यह साफ कर दिया है कि उन्हें कोई आमंत्रण नहीं मिला है। उन्होंने कहा, 'मुझे आमंत्रण की अभी तक कोई जानकारी नहीं है, लेकिन अगर मुझे आमंत्रित किया जाएगा, तो मैं निश्चित रूप से शपथ ग्रहण समारोह (इमरान खान) के लिए वहां जाऊंगा (पाकिस्तान)।'

मोदी के शपथग्रहण में शरीक हुए थे शरीफ

याद हो तो साल 2014 में जब नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी, तब तत्कालीन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी आमंत्रित किया गया था। उस वक्त शरीफ शपथ समारोह में शामिल होने दिल्ली आए भी थे। इसके बाद दिसंबर, 2015 में नवाज शरीफ को जन्मदिन की बधाई देने के लिए थोड़ी देर के लिए पीएम मोदी लाहौर भी गए थे। हालांकि बाद में भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण होते चले गए और लगातार सीजफायर उल्लंघन व कश्मीर में पाकिस्तान की दखलअंदाजी के चलते दोनों देशों के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो सकी।

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