पीएम इमरान खान से पाक के लोगों का मोहभंग, टूट के कगार की तरफ बढ़ रहा नया पाकिस्तान

सिंध प्रांत के लोग इमरान सरकार द्वारा जारी अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं जिसके जरिये सरकार सिंध के क्षेत्रों को विकास के नाम पर अपने कब्जे में लेने वाली है। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के दमन के खिलाफ यहां के लोग गोलबंद हो रहे हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Tue, 06 Oct 2020 07:58 PM (IST) Updated:Tue, 06 Oct 2020 07:58 PM (IST)
पीएम इमरान खान से पाक के लोगों का मोहभंग, टूट के कगार की तरफ बढ़ रहा नया पाकिस्तान
इमरान खान 2017 में सत्ता में आए थे। उन्होंने नया पाकिस्तान बनाने का नारा दिया था।

नई दिल्ली, आइएएनएस। सेना की मदद से इमरान खान जब सत्ता में आए थे तब उन्होंने नया पाकिस्तान बनाने का वादा किया था। अब नया पाकिस्तान बनता नजर नहीं आ रहा, उल्टे उसके टूटने का खतरा बढ़ता जा रहा है। पश्तून, सिंध और बलूची लोगों में इमरान सरकार के खिलाफ विरोध तेज होता जा रहा है। पाकिस्तानी सेना के दमन के खिलाफ लोग मुखर होने लगे हैं और कई जगह ¨हसक घटनाएं हो रही हैं।

मानवाधिकार कार्यकर्ता गुलालई इस्माइल के माता-पिता के खिलाफ आतंकवाद का केस दर्ज करने पर खैबर-पख्तूनख्वा के लोगों में नाराजगी बढ़ रही है। पाकिस्तान ने पिछले साल गुलालई पर देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया तो वह कनाडा भाग गईं। सिंध प्रांत के लोग इमरान सरकार द्वारा जारी अध्यादेश का विरोध कर रहे हैं, जिसके जरिये सरकार सिंध के क्षेत्रों को विकास के नाम पर अपने कब्जे में लेने वाली है। बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना के दमन के खिलाफ यहां के लोग गोलबंद हो रहे हैं। हाल ही में कनाडा में रहने वाले बलूची नागरिकों ने भी इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन किया था।

इमरान खान ने दिया था नया पाकिस्तान का नारा

इमरान खान 2017 में सत्ता में आए थे। उन्होंने नया पाकिस्तान बनाने का नारा दिया था। इमरान खान एक बेहतरीन क्रिकेटर रह चुके थे। सत्ता में बैठे लोगों और सेना की दखल से हताश-निराश हो चुके पाकिस्तानियों को लगा था कि इमरान खान क्रिकेट की तरह ही राजनीति में शानदार पारी खेलेंगे और उन्हें नई जिंदगी देंगे। लेकिन दो साल बाद ही इमरान का नया पाकिस्तान का वादा कहीं गुम हो गया और पाकिस्तान पुराने पाकिस्तान की कॉपी बनकर रह गया है। सरकार के खिलाफ देशभर में असंतोष बढ़ रहा है।

पाकिस्तान की एक अदालत ने गुलालई के माता-पिता के खिलाफ 2013 और 2015 में हुए आतंकी हमलों में आरोप दर्ज किया है। गुलालई पश्तून में पाकिस्तानी प्रशासन के अत्याचारों का विरोध और उजागर करती हैं। बलूचिस्तान में चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे का भी विरोध हो रहा है। बलूची लोगों का मानना है कि पाकिस्तान सरकार उनके प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर रही है। उन्हें अपनी ही जमीन से हटाए जाने का भी डर सता रहा है।

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