पाकिस्तान में दोहरी नागरिकता वाले दो नेताओं ने दाखिल किया था चुनाव का नामांकन पत्र, आयोग ने किया खारिज

पाकिस्तान के आम चुनाव में हिस्सा लेने के लिए फैसल वावदा ने दोहरी नागरकिता रखते हुए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था उसे आयोग ने खारिज कर दिया है।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Mon, 20 Jan 2020 04:01 PM (IST) Updated:Mon, 20 Jan 2020 04:01 PM (IST)
पाकिस्तान में दोहरी नागरिकता वाले दो नेताओं ने दाखिल किया था चुनाव का नामांकन पत्र, आयोग ने किया खारिज
पाकिस्तान में दोहरी नागरिकता वाले दो नेताओं ने दाखिल किया था चुनाव का नामांकन पत्र, आयोग ने किया खारिज

पाकिस्तान, एजेंसी। पाकिस्तान में आम चुनाव होने वाले हैं। इस चुनाव में भागीदारी के लिए नामांकन प्रक्रिया चल रही है। इसी नामांकन प्रक्रिया के दौरान ये बात सामने आई है कि दोहरी नागरिकता वाले दो लोगों ने भी अपना नामांकन किया था जिसे आयोग ने निरस्त कर दिया है। इस तरह की जानकारी सामने आने के बाद अब इन दोनों प्रत्याशियों की ओर से अपनी एकल नागरिकता के लिए आवेदन किया गया है। द डॉन वेबसाइट पर इस खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है।

समाचार पत्र द न्यूज ने बताया कि सोमवार को फेडरल मिनिस्ट्री ऑफ वाटर रिसोर्सेज फैसल वावदा ने पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) को 2018 के आम चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है। उस दौरान उनके पास दोहरी नागरिकता थी। पाकिस्तान के साथ-साथ उनके पास अमेरिका की भी नागरिकता थी। उनके फार्म को जांच करने के दौरान ये बातें सामने आई। इस जानकारी के सामने आने के बाद अब फैसल वावदा ने अमेरिका की अपनी नागरिकता को निरस्त करने के लिए अमेरिकन एंबेसी में अप्लीकेशन दे दी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वावदा ने 11 जून, 2018 को अपना नामांकन पत्र जमा किया, जिसे चुनाव निकाय ने एक हफ्ते बाद 18 जून को मंजूरी दे दी। हालाँकि, PTI MNA ने 22 जून, 2018 को इस तथ्य के सामने आने के चार दिन बाद कराची में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के साथ अपनी राष्ट्रीयता के त्याग के लिए आवेदन किया।

कानून के अनुसार, दोहरे नागरिकों को तब तक चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं है, जब तक कि वे अपनी माध्यमिक राष्ट्रीयता को नहीं छोड़ देते। सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में पाकिस्तान के चुनाव आयोग को कागजात दाखिल करने के समय दोहरी राष्ट्रीयता रखने के लिए दो सांसदों, हारून अख्तर और सादिया अब्बासी को अयोग्य ठहराया था।

मुख्य न्यायाधीश मियां साकिब निसार ने आदेश का पालन करते हुए कहा कि हारून अख्तर और सादिया अब्बासी दोनों ही दोहरे नागरिक थे। इन दोनों ने पाकिस्तान के साथ-साथ अमेरिका की भी नागरिकता ले रखी थी। दोनों सदस्यों को संविधान के अनुच्छेद 63 (1) (सी) के तहत अयोग्य घोषित किया गया था, जो कहता है कि किसी व्यक्ति को निर्वाचित

होने या संसद के चुने हुए सदस्य से अयोग्य घोषित किया जाएगा। यदि वह पाकिस्तान का नागरिक होना या किसी विदेशी नागरिकता का अधिग्रहण करता है। दोनों देशों का नागरिक रहते हुए वो चुनाव लड़ता है और जीतता है।  

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