पाकिस्‍तान में कोरोना के 730 मामले, सबसे ज्‍यादा सिंध में 396 केस, डॉक्‍टरों ने दी हड़ताल की धमकी

पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। वहीं मुल्‍क में चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी से नाराज डॉक्‍टरों ने हड़ताल की धमकी दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Sat, 21 Mar 2020 11:35 PM (IST) Updated:Sun, 22 Mar 2020 12:12 AM (IST)
पाकिस्‍तान में कोरोना के 730 मामले, सबसे ज्‍यादा सिंध में 396 केस, डॉक्‍टरों ने दी हड़ताल की धमकी
पाकिस्‍तान में कोरोना के 730 मामले, सबसे ज्‍यादा सिंध में 396 केस, डॉक्‍टरों ने दी हड़ताल की धमकी

इस्‍लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्‍तान में कोरोना वायरस अब बेकाबू होता नजर आ रहा है। पाकिस्‍तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, मुल्‍क में कोरोना वायरस के मामलों की संख्‍या 730 हो गई है। वहीं द एक्‍सप्रेस ट्र‍िब्‍यून ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि देश में कोरोना वायरस के मरीजों की संख्‍या 700 को पार कर गई है। सिंध में 396 मामले सामने आए हैं। सूबे में तेजी से बढ़ रहे मरीजों की संख्‍या को देखते हुए सिंध की सरकार लॉकडाउन लगाने पर विचार कर रही है। डॉन न्‍यूज के मुताबिक, पाकिस्‍तान के पंजाब प्रांत में 137 जबकि बलुचिस्‍तान में 104 मामले पाए गए हैं।

हालात इतने खराब है कि पाकिस्तान में इस वायरस से मुकाबले के लिए चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी है। इससे मरीजों का इलाज कर रहे डॉक्‍टरों में भारी नाराजगी है। इस्लामाबाद के चार सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों ने धमकी दी है कि अगर उन्हें निजी सुरक्षात्मक उपकरण मुहैया नहीं कराए गए तो वे मंगलवार से कामकाज बंद कर हड़ताल कर देंगे। इससे पाकिस्‍तानी हुक्‍मरानों के हाथपांव फूल गए हैं।

एक ओर जहां कोरोना वायरस के प्रकोप पर अंकुश लगाने के लिए दुनिया के कई देश लॉकडाउन जैसे सख्त कदम उठाने से पीछे नहीं हट रहे हैं। वहीं प्रधानमंत्री इमरान खान ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन से इन्कार कर दिया है। उन्होंने आवागमन के लिए अफगानिस्तान से लगती पाकिस्तान की एक सीमा भी खोलने का आदेश दिया है। इस बीच वायरस पर अंकुश लगाने के प्रयास में बलूचिस्तान की प्रांतीय सरकार ने प्रांत में 21 दिनों के लिए आंशिक लॉकडाउन का एलान किया है।

जियो न्यूज के अनुसार, विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ते मामलों के मद्देनजर पूरे पाकिस्तान को लॉकडाउन कर देना चाहिए। लेकिन इमरान ने कहा, 'लॉकडाउन का मतलब कफ्र्यू जैसे हालात से होता है। इससे मुल्क में अशांति पैदा हो जाएगी और हम यह बर्दाश्त नहीं कर सकते। इससे गरीबों की परेशानी बढ़ जाएगी। हम आर्थिक पैकेज के मामले में दूसरे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते, लेकिन हम कोरोना वायरस के प्रभाव से अपने निम्न और श्रमिक वर्ग की सुरक्षा करेंगे।'

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