म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ बढ़ता जा रहा है विरोध, पुलिस से झड़प में कई घायल

पाबंदियों के बावजूद सड़कों पर उतरे हजारों लोग पुलिस के साथ झड़प में तीन घायल। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मानवाधिकार दफ्तर ने बताया कि म्यांमार में राजनीतिक लोगों और कार्यकर्ताओं समेत 350 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Sat, 13 Feb 2021 10:14 AM (IST) Updated:Sat, 13 Feb 2021 10:14 AM (IST)
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ बढ़ता जा रहा है विरोध, पुलिस से झड़प में कई घायल
म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ बढ़ता जा रहा है विरोध, पुलिस से झड़प में कई घायल

यंगून, एजेंसियां। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के खिलाफ लोगों का विरोध बढ़ता जा रहा है। सेना की तमाम पाबंदियों के बावजूद शुक्रवार को देशभर में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और तख्तापलट के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया। इस दौरान देश की अपदस्थ सर्वोच्च नेता आंग सान सू की के समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प हुई। इसमें तीन लोगों के घायल होने की खबर है।

म्यांमार की सेना गत एक फरवरी को आंग सान की पार्टी नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी (एनएलडी) की सरकार को अपदस्थ कर सत्ता पर काबिज हो गई। देश की सर्वोच्च नेता आंग सान समेत कई शीर्ष नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। इसके बाद से ही पूरे देश में विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है। सेना ने प्रदर्शनों पर अंकुश लगाने के प्रयास में लोगों के जमावड़ों पर रोक लगाने के साथ ही कई शहरों में कफ्र्यू लगा दिया है। इंटरनेट पर भी रोक लगा दी है। इसके बावजूद लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। यंगून समेत कई शहरों में शुक्रवार को भी बड़े पैमाने पर लोग सड़कों पर उतरे। ज्यादातर जगहों पर प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहे, लेकिन माव्लाम्याइन शहर में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां बरसा दीं। इनमें तीन लोग घायल हो गए।

350 लोगों को किया गया गिरफ्तार

संयुक्त राष्ट्र (यूएन) मानवाधिकार दफ्तर ने बताया कि म्यांमार में राजनीतिक लोगों और कार्यकर्ताओं समेत 350 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया गया है। जेनेवा में मानवाधिकार परिषद के एक विशेष सत्र में यूएन जांचकर्ताओं ने बताया कि म्यांमार में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग किया जा रहा है। इधर, म्यांमार के करीब 300 सांसदों ने संयुक्त राष्ट्र को पत्र लिखकर कहा कि उनके देश में मानवाधिकारों का हनन किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र इसकी जांच कराए।

chat bot
आपका साथी