सत्ता पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए Kim Jong ने बदलवाया संविधान, अब मिला ये बड़ा दर्जा

उत्तर कोरिया की नाममात्र की संसद सुप्रीम पीपुल्स असेंबली ने गुरुवार को संविधान में कई बदलावों पर मुहर लगाई है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Fri, 30 Aug 2019 06:08 PM (IST) Updated:Fri, 30 Aug 2019 06:19 PM (IST)
सत्ता पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए Kim Jong ने बदलवाया संविधान, अब मिला ये बड़ा दर्जा
सत्ता पर मजबूत पकड़ बनाने के लिए Kim Jong ने बदलवाया संविधान, अब मिला ये बड़ा दर्जा

सियोल, एफपी/रायटर। उत्तर कोरिया की सत्ता पर किम जोंग उन की पकड़ मजबूत करने के लिए देश के संविधान में कई बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों से उन्हें अब राष्ट्राध्यक्ष का दर्जा मिल गया है। विश्लेषकों का कहना कि संविधान संशोधन के जरिये किम के अधिकारों को बढ़ाया गया है।

किम को साल 2011 के आखिर में उस समय विरासत में सत्ता मिली थी, जब उनके पिता किम जोंग द्वितीय का निधन हो गया था। उस समय किम की उम्र 30 साल से भी कम थी। वह सत्तारूढ़ वर्कर्स पार्टी के साथ ही स्टेट अफेयर्स कमीशन (SAC) के भी चेयरमैन हैं।

SAC सरकार की सर्वोच्च संस्था है। उत्तर कोरिया की नाममात्र की संसद सुप्रीम पीपुल्स असेंबली ने गुरुवार को संविधान में कई बदलावों पर मुहर लगाई। उत्तर कोरिया की सरकारी न्यूज एजेंसी KCNA के अनुसार, संसद के प्रमुख चो योंग हे ने कहा, 'नए अनुच्छेद से SAC के चेयरमैन किम को पार्टी, देश और सशस्त्र बलों का सर्वोच्च नेता घोषित किया जाता है।'

अपने दादा के करीब पहुंचे किंम जोंग उन
दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में स्थित सेजोंग इंस्टीट्यूट के विश्लेषक चांग सियोंग-चांग ने कहा कि संविधान संशोधन उत्तर कोरिया के सभी राष्ट्रीय मामलों में एक व्यक्ति के तौर पर किम के शासन की गारंटी है। संविधान में बदलाव से वह अपने दादा किम द्वितीय सुंग के ओहदे के करीब पहुंच गए हैं। किम के दिवंगत दादा किम द्वितीय सुंग को अनंत काल के लिए उत्तर कोरिया का राष्ट्रपति घोषित किया गया था। वर्ष 1994 में उनका निधन हो गया था।

पिछले साल चिनफिंग ने भी बदलवाया था संविधान
चीन की सत्ता पर पकड़ मजबूत करने और आजीवन राष्ट्रपति पद पर बने रहने के लिए शी चिनफिंग ने भी पिछले साल मार्च में संविधान में संशोधन कराया था। इसके जरिये सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ने लगातार दो कार्यकाल के बाद राष्ट्रपति नहीं बन पाने के संवैधानिक प्रावधान को खत्म कर दिया था। चिनफिंग से पहले केवल माओत्से तुंग ही आजीवन सत्ता में बने रहे थे।

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