नीदरलैंड ने किया आगाह, कहा- चीन-पाक आर्थिक गलियारे से चीनी कर्ज के जाल में फंस जाएगा पाकिस्तान

भारत ने 50 अरब डॉलर की लागत वाली सीपीईसी परियोजना पर आपत्ति जताई है क्योंकि यह गलियारा गुलाम कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान से होकर गुजरेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sat, 03 Aug 2019 08:14 PM (IST) Updated:Sat, 03 Aug 2019 08:14 PM (IST)
नीदरलैंड ने किया आगाह, कहा- चीन-पाक आर्थिक गलियारे से चीनी कर्ज के जाल में फंस जाएगा पाकिस्तान
नीदरलैंड ने किया आगाह, कहा- चीन-पाक आर्थिक गलियारे से चीनी कर्ज के जाल में फंस जाएगा पाकिस्तान

एम्सटर्डम, एएनआइ। नीदरलैंड के एक स्वतंत्र थिंक टैंक ने बहुप्रचारित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को लेकर आगाह किया है। उसका कहना है कि इस परियोजना के कारण पाकिस्तान न सिर्फ चीन के कर्ज के जाल में फंस जाएगा, बल्कि उसके कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में दस हजार से ज्यादा लोग बेरोजगार भी हो जाएंगे।

थिंक टैंक यूरोपीय फाउंडेशन फॉर साउथ एशियन स्टडीज (ईएफएसएएस) की विश्लेषक योना बारोकोवा ने कहा, 'सीपीईसी से पाकिस्तान, चीनी कर्ज के जाल में फंस जाएगा। बड़ी तादाद में चीनी कर्मचारियों के बढ़ने से गिलगित-बाल्टिस्तान में दस हजार से ज्यादा लोगों की नौकरी छिन जाएगी।'

उन्होंने कहा, 'पाकिस्तान ने ढांचागत विकास के नाम पर गिलगित-बाल्टिस्तान इलाका चीन को बेच दिया है। इस क्षेत्र को परियोजना के फायदे से पूरी तरह अलग रखा गया है। सीपीईसी का यहां के पर्यावरण और पारिस्थितिक पर कई तरह का नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।'

नीदरलैंड की राजधानी एम्सटर्डम स्थित ईएफएसएएस की विश्लेषक ने यह भी कहा, 'पाकिस्तान का चीन सदाबहार दोस्त है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि उनकी दोस्ती हमेशा असंतुलित रही है। पाकिस्तान पर चीन का कर्ज है और यह बढ़ता जाएगा।'

बुनियादी अधिकारों से वंचित

गिलगित-बाल्टिस्तान के लोगों और अंतरराष्ट्रीय पर्यवेक्षकों के अनुसार, इस क्षेत्र को सभी बुनियादी मानवीय और नागरिक अधिकारों से वंचित रखा गया है। इस क्षेत्र का पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में कोई प्रतिनिधित्व तक नहीं है।

भारत ने जताई है आपत्ति

भारत ने 50 अरब डॉलर (करीब 3.48 लाख करोड़ रुपये) की लागत वाली सीपीईसी परियोजना पर आपत्ति जताई है, क्योंकि यह गलियारा गुलाम कश्मीर और गिलगित-बाल्टिस्तान से होकर गुजरेगा। करीब तीन हजार किमी लंबे सीपीईसी से पश्चिमी चीन के काशगर को पाकिस्तान में अरब सागर के तट पर स्थित ग्वादर बंदरगाह से जोड़ा जाना है।

सीपीईसी के खिलाफ सियोल में प्रदर्शन

दक्षिण कोरिया की राजधानी सियोल में बलूच नेशनल मूवमेंट के कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को सीपीईसी और बलूचिस्तान में जारी पाकिस्तान के अत्याचार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तानी और चीनी दूतावासों तक रैली निकाल कर अपने गुस्से का इजहार किया। इसके बाद एमनेस्टी इंटरनेशनल के ऑफिस जाकर एक ज्ञापन भी सौंपा। इसमें यह आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने हजारों बलूच लोगों को लापता कर दिया है।

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