अफगानिस्तान संकट पर बोले इटली के प्रधानमंत्री, पड़ोसी देश ही कर सकते हैं समस्याओं का समाधान
जी20 शिखर सम्मेलन के बाद बोलते हुए इतालवी प्रधानमंत्री ने कहा कि शिखर सम्मेलन में भाग लेने वालों ने संयुक्त राष्ट्र को अफगानिस्तान में सीधे समन्वय और कार्य करने का जनादेश दिया है। उन्होंने कहा कि देश में मानवीय संकट गहराता जा रहा है।
रोम [इटली], एएनआइ। मंगलवार को ग्रुप आफ 20 (जी20) शिखर सम्मेलन के समापन के बाद इतालवी प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी ने कहा कि पड़ोसी देशों को अफगानिस्तान में समस्याओं को हल करने में शामिल होना चाहिए। रोम में एक संवाददाता सम्मेलन में ड्रैगी ने कहा कि देश में मुद्दों को हल करने के लिए पड़ोसी देशों की भागीदारी आवश्यक है। सम्मेलन का आयोजन इटली ने किया था जो जी20 का मौजूदा अध्यक्ष है।
अगस्त में तालिबान के अधिग्रहण और उसके बाद अंतरिम सरकार के गठन के बाद अफगानिस्तान में बिगड़ती मानवीय स्थिति के बीच यह बयान आया है। यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष उर्सुला वान डेर लेयेन ने अफगानिस्तान की सहयता के लिए 1 बिलियन यूरो (एक अरब यूरो) खर्च करने का वादा किया है।
जी20 शिखर सम्मेलन के बाद बोलते हुए इतालवी प्रधानमंत्री ने कहा कि शिखर सम्मेलन में भाग लेने वालों ने संयुक्त राष्ट्र को अफगानिस्तान में सीधे समन्वय और कार्य करने का जनादेश दिया है। ड्रैगी ने कहा कि जी20 के नेता इस बात से सहमत हैं कि अफगानिस्तान में विकसित हो रहा मानवीय संकट की स्थिति सबसे गंभीर है। अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के विभिन्न प्रतिनिधियों ने मानवीय संकट के बारे में बात की और सर्दियों के दृष्टिकोण से देखा जाए तो स्थिति केवल बदतर होती जा रही है।
जी20 शिखर सम्मेलन में डिजिटल संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया को अफगान क्षेत्र को कट्टरपंथ और आतंकवाद का स्रोत बनने से रोकना चाहिए। मोदी ने कहा कि भूख और कुपोषण का सामना कर रही अफगान जनता की पीड़ा को हर भारतीय समझता है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को सुनिश्चित करना चाहिए कि अफगानिस्तान को तत्काल और निर्बाध मानवीय सहायता मिले।