मुंबई हमले की बरसी पर नेपाल में पाक दूतावास के सामने प्रदर्शन, विश्व में आंतक फैलाने का आरोप

प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पाकिस्तान आतंकवाद का प्रायोजक है और यहां पर पूरे विश्व में आंतक फैलाने वाले संगठन पनाह लेते हैं। पाकिस्तान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। विरोध में प्रदर्शनकारियों ने कई स्थानों पर रास्ता जाम कर दिया था।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Sat, 28 Nov 2020 05:00 PM (IST) Updated:Sat, 28 Nov 2020 05:00 PM (IST)
मुंबई हमले की बरसी पर नेपाल में पाक दूतावास के सामने प्रदर्शन, विश्व में आंतक फैलाने का आरोप
26 नवंबर 2008 को हुए मुंबई हमले में ताज होटल से उठता हुआ धुंआ

काठमांडू, एएनआइ। मुंबई हमले की बरसी पर नेपाल में पाकिस्तानी दूतावास पर प्रदर्शन हुआ। कैंडल मार्च निकाला गया। प्रदर्शनकारी नारे लगाते हुए पाकिस्तान दूतावास पहंचे। उनके हाथों में आंतकवाद और पाक विरोधी पोस्टर-बैनर थे। दूतावास तक कैंडल मार्च भी किया गया। मुंबई हमले की बरसी पर नेपाल के कई जिलों में प्रदर्शन हुए हैं। प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हुए। कई स्थानों पर लोगों ने रास्ता जाम कर दिया था।

प्रदर्शनकारियों का आरोप था कि पाकिस्तान आतंकवाद का प्रायोजक है और यहां पर पूरे विश्व में आंतक फैलाने वाले संगठन पनाह लेते हैं। पाकिस्तान के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

ज्ञात हो कि मुंबई हमले की बरसी पर दुनियाभर के देशों में कार्यक्रम और पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। अमेरिका और इजरायल के अधिकांश शहरों में मरने वालों को श्रद्धांजलि दी गई है। वहीं, भारत में भी इस हमले को लेकर जगह-जगह श्रद्धांजलि और कैंडल मार्च निकाले गए। इस दौरान पाकिस्तान द्वारा फैलाए जा रहे आतंक के प्रति लोगों में गुस्सा दिखाई दिया।

आतंकी हमले में 166 लोगों की हुई थी मौत

बता दें कि महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में 26 नवंबर 2008 को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ था। यह देश में अब तक का सबसे बड़ा हमला था। इस हमले में 166 लोगों की मौत हुई थी और तीन सौ से ज्यादा लोग घायल हुए थे। यह हमला पाकिस्तान के आतंकियों द्वारा किया गया था।

पाक आतंकी हाफिज सईद है इस हमले का मास्टरमाइंड

पाकिस्तान के कसाब के साथ 10 आतंकी हमला करने आए थे। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में नौ आतंकियों को मार गिराया था। कसाब जिंदा पकड़ा गया था जो हमले में पाकिस्तान के हाथ को साबित करने में अहम साबित हुआ था। बाद में उसे फांसी दे गई थी। वहीं, इस हमले के पीछे मोस्ट वांटेड आतंकियों में शामिल पाकिस्तान का हाफिज सईद का नाम जुड़ा हुआ है।

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