इंसानों को भावुक कर सकता है रोबोट, एक प्रयोग आया सामने

रोबोट ने न केवल बातचीत के जरिये, बल्कि अपने शारीरिक हाव-भाव से भी खुद को बंद न करने की गुजारिश की।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Mon, 06 Aug 2018 12:11 PM (IST) Updated:Mon, 06 Aug 2018 12:12 PM (IST)
इंसानों को भावुक कर सकता है रोबोट, एक प्रयोग आया सामने
इंसानों को भावुक कर सकता है रोबोट, एक प्रयोग आया सामने

बर्लिन [प्रेट्र]। अनगिनत भावनाओं को अपने अंदर समेटे रखने वाला इंसान रोबोट से भी भावनात्मक रूप से प्रभावित हो सकता है। यह बात चौंकाने वाली जरूर लगती है, लेकिन सच है। वैज्ञानिक एक प्रयोग के आधार पर इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं। उनका कहना है कि हमारे भीतर मानव सदृश मशीनों से प्रभावित होने की गहरी प्रवृत्ति होती है।

इस बात को जानने के लिए जर्मनी की डुइसबर्ग-एसेन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने एक प्रयोग किया। उन्होंने 89 वालंटियर्स का चुनाव किया और उन्हें रोबोट को और होशियार बनने में उनकी मदद करने के लिए उनसे बातचीत करने को कहा। बातचीत के बाद वालंटियर्स से कहा गया कि वे रोबोट को बंद कर दें।

वैज्ञानिकों ने रोबोट इस तरह तैयार किए थे कि जब वालंटियर्स उन्हें बंद करने लगें तो वे ऐसा न करने का आग्रह करेंगे। रोबोट ने न केवल बातचीत के जरिये, बल्कि अपने शारीरिक हाव-भाव से भी खुद को बंद न करने की गुजारिश की।

यह आया सामने

शोधकर्ताओं ने देखा कि कुछ वालंटियर्स ने उनकी बात आराम से मान ली और अपने रोबोट को बंद कर दिया, जबकि 43 वालंटियर्स इस पसोपेश में दिखे कि वे शोधकर्ताओं की बात मानें या रोबोट की। वहीं, 13 वालंटियर्स ने तो रोबोट की बात मानते हुए उन्हें बंद करने से इन्कार कर दिया। इसके अलावा शेष वालंटियर्स ने रोबोट को बंद करने में बहुत अधिक समय लिया।

शोधकर्ताओं के मुताबिक, प्रयोग से स्पष्ट हुआ कि रोबोट हमें भावनात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। वहीं, इस प्रयोग के बाद जब वालंटियर्स से पूछा गया कि उन्होंने रोबोट को बंद करने से इन्कार क्यों किया तो ज्यादातर का कहना था कि रोबोट ने ऐसा कहा था। वहीं, कुछ ने कहा कि रोबोट को बंद करते समय उन्हें बुरा लग रहा था और ऐसा एहसास हो रहा था कि वे कुछ गलत करने जा रहे हैं।

घर के हर काम में हाथ बंटाएंगे रोबोट

दुनियाभर के वैज्ञानिक वर्तमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता (एआइ)) और रोबोटिक्स के क्षेत्र में विकास करने में लगे हुए हैं। वे एआइ आधारित ऐसा रोबोट तैयार करना चाहते हैं, जिससे हमारा जीवन बेहद आसान हो सके। इसी कड़ी में वैज्ञानिक एक खास एआइ प्रणाली पर काम कर रहे हैं। इसके जरिये ऐसे वर्चुअल एजेंटों को तैयार किया जा रहा है, जो घर के लगभग हर काम में इंसानों का हाथ बंटाने के लिए रोबोट को तैयार करेंगे। वैज्ञानिकों का दावा है कि इस प्रणाली के जरिये भावी रोबोट्स को तैयार करने का मार्ग प्रशस्त होगा।

इन कामों को करेंगे आसानी से

वैज्ञानिकों के मुताबिक, एक प्रोग्राम को कई उपकार्यों में बांटने का मतलब यह है कि एक प्रोग्राम के तहत रोबोट कई कार्य कर सकेंगे। मसलन, वे हमारे लिए कॉफी बना सकेंगे, इसमें कप पकड़ना भी शामिल है।

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