लोकतंत्र की मांग वाले प्रदर्शनों से निपटने में हांगकांग पुलिस की चीनी पुलिस ने भी की थी मदद

सड़क पर भी उतरे थे चीन के अधिकारी लेकिन रक्षा मंत्रालय का इन्कार। विदेशी राजनयिक ने बताया हांगकांग पुलिस के साथ चीन की पुलिस के कुछ अधिकारी भी कार्य कर रहे थे।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 19 Mar 2020 09:54 AM (IST) Updated:Thu, 19 Mar 2020 09:54 AM (IST)
लोकतंत्र की मांग वाले प्रदर्शनों से निपटने में हांगकांग पुलिस की चीनी पुलिस ने भी की थी मदद
लोकतंत्र की मांग वाले प्रदर्शनों से निपटने में हांगकांग पुलिस की चीनी पुलिस ने भी की थी मदद

हांगकांग, रायटर। हांगकांग में हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों से निपटने में हांगकांग पुलिस के कमजोर पड़ने पर चीन की पीपुल्स आ‌र्म्ड पुलिस (पीएपी) के अधिकारी हांगकांग आए थे और उन्होंने मौके पर आकर हालात को संभालने में मदद की थी। यह जानकारी एक वरिष्ठ विदेशी राजनयिक और विपक्ष के एक नेता ने दी है। ये प्रदर्शन 2019 में हुए थे और इनसे हांगकांग को अरबों रुपये का नुकसान हुआ था।

अब दोनों पुलिस संगठन मिलकर समीक्षा कर रहे हैं कि प्रदर्शनकारियों ने किन तरीकों का इस्तेमाल किया जिससे पूरी व्यवस्था चरमरा गई थी। इतना बड़ा नुकसान हुआ। कई बार तो प्रदर्शनकारियों के सामने पुलिस असहाय सी हो गई और सेना को सहायता के लिए आना पड़ा।

बुजुर्ग डेमोक्रेटिक विधायक जेम्स टो के अनुसार लोकतंत्र की मांग वाले प्रदर्शन के दौरान हांगकांग पुलिस के अधिकारियों ने चीनी सुरक्षा बलों की मदद ली थी लेकिन यह मदद निरोधी उपाय बताने तक सीमित रही। चीन के साथ हांगकांग की प्रत्यर्पण संधि के प्रस्ताव के विरोध में शुरू हुआ आंदोलन जल्द ही लोकतंत्र की मांग के आंदोलन में बदल गया था। हांगकांग की धरती पर यह आंदोलन करीब सात महीने चला।

एक विदेशी राजनयिक ने अपनी पहचान गुप्त रखते हुए बताया कि लोकतंत्र की मांग वाले आंदोलन के दौरान हांगकांग पुलिस के साथ चीन की पुलिस के कुछ अधिकारी भी कार्य कर रहे थे। वे प्रदर्शनकारियों से निपटने के उपाय करते और उसके लिए हांगकांग के अधिकारियों को निर्देश दे रहे थे।

जब इस बारे में चीन के रक्षा मंत्रालय से पूछा गया तो जवाब में बताया गया कि हांगकांग में पीएपी का कोई ठिकाना नहीं है, न ही वहां की कानून व्यवस्था के लिए पीएपी किसी रूप में जिम्मेदार है, हांगकांग में पीएपी को कभी तैनात नहीं किया गया। जबकि हांगकांग पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि अराजक आंदोलन के दौरान पीएपी का कोई हांगकांग नहीं आया। चीन की किसी सुरक्षा एजेंसी के साथ मिलकर कोई समीक्षा कार्य भी नहीं किया जा रहा।

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