सार्वजनिक पार्कों में घूम रहीं महिलाएंं व बच्चे, एक माह पहले अफगानिस्तान में काबिज हुआ था तालिबान

1996 से 2001 तक तालिबानियों ने अफगानिस्तान में महिलाओं पर सख्त पाबंदियां लगा दी थी जिसमें से एक उनके सार्वजनिक जिंदगी पर सैंकड़ों प्रतिबंध थेे यहां तक कि वे बगैर किसी पुरुष रिश्तेदार के घर से बाहर नहीं जा सकती थीं।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sun, 19 Sep 2021 12:15 AM (IST) Updated:Sun, 19 Sep 2021 12:15 AM (IST)
सार्वजनिक पार्कों में घूम रहीं महिलाएंं व बच्चे, एक माह पहले अफगानिस्तान में काबिज हुआ था तालिबान
सार्वजनिक पार्कों में घूम रहीं महिलाएंं व बच्चे, एक माह पहले अफगानिस्तान में काबिज हुआ था तालिबान

काबुल, रायटर्स। समूचे अफगानिस्तान पर तालिबान को काबिज होने के एक माह बाद अफगानिस्तान के लोगों को सार्वजनिक स्थानों और पार्क में घूमते हुए देखा गया। वर्ष 1996 से 2001 तक अफगानिस्तान में तालिबान के शासन में  बड़े पैमाने पर महिलाओं पर पाबंदी थी। उन्हें सार्वजनिक जीवन से बाहर रखा गया था। उस वक्त महिलाओं के घर से बाहर अकेेेले निकलने पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया गया था। बगैर किसी पुरुष रिश्तेदार के कोई महिला घर से बाहर नहीं जा सकती थी। 

Afghans, including women and children, are visiting parks and public places a month after the Taliban captured Kabul pic.twitter.com/akXqbAjgcK

— Reuters (@Reuters) September 18, 2021

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी के बाद आज देश के चार बम धमाके हुए। इसमें दो लोगों की मौत हो गई जबकि 20 से अधिक जख्मी हैं। पूर्वी नांगरहार की राजधानी जलालाबाद में तालिबान के वाहनों को निशाना बनाकर धमाका किया गया। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें कुछ की हालत गंभीर है। काबुल के PD13 में एक विस्फोट में 2 लोगों के घायल होने की खबर है।

अगस्त में अफगानिस्तान पर कब्जा जमाने वाला तालिबान वहां के घर-घर जाकर उन अफगान नागरिकों की तलाश कर रहा है जिन्होंने विदेशी सैनिकों की मदद की थी। इस संबंध में संयुक्त राष्ट्र भी चेतावनी जारी कर चुका है। आतंकियों ने इन लोगों के परिवार को नुकसान पहुंचाने की धमकी भी दी है।

बीते दिनों जलालाबाद में स्थानीय नागरिकों ने तालिबान के झंडे की जगह अफगानिस्तानी झंडा फहराया और समूह के विरोध में मार्च किया। तालिबान ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए उन पर गोलियां बरसाई जिसमें एक व्यक्ति और एक किशोर घायल हो गए। अफगान झंडे के साथ कई जिलों में लोगों को तालिबान का विरोध करते हुए देखा गया। खास बात यह कि इस विरोध में महिलाएं भी शामिल रहीं जो अफगान झंडे के साथ प्रदर्शन करते हुए नारा लगा रही थीं- हमारा झंडा हमारी पहचान है।

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