तालिबान कैदियों की रिहाई को लेकर फिर गतिरोध, शांति वार्ता पर संकट

अफगानिस्तान ने तालिबान कैदियों की रिहाई का फैसला टाल दिया है। इसके चलते सरकार और तालिबान के बीच होने वाली शांति वार्ता को लेकर संकट पैदा हो गया है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 15 Mar 2020 08:26 AM (IST) Updated:Sun, 15 Mar 2020 08:26 AM (IST)
तालिबान कैदियों की रिहाई को लेकर फिर गतिरोध, शांति वार्ता पर संकट
तालिबान कैदियों की रिहाई को लेकर फिर गतिरोध, शांति वार्ता पर संकट

काबुल, एएफपी। अफगानिस्तान में तालिबान कैदियों की रिहाई को लेकर फिर गतिरोध पैदा हो गया है। सरकार ने कैदियों की रिहाई का फैसला फिलहाल टाल दिया है। इसके चलते सरकार और तालिबान के बीच होने वाली शांति वार्ता को लेकर संकट पैदा हो गया है।

राष्ट्रपति अशरफ गनी ने हाल ही में 1,500 तालिबान कैदियों को रिहा करने की घोषणा की थी। सरकार ने यह घोषणा तालिबान के साथ वार्ता से पहले सद्भावना प्रदर्शित करने के लिए की थी। हालांकि इससे पहले राष्ट्रपति गनी ने तालिबान कैदियों को रिहा करने से इन्कार कर दिया था। सरकार के इस रुख के कारण उसकी तालिबान के साथ होने वाली शांति वार्ता खटाई में पड़ गई थी।

अमेरिका का तालिबान के साथ हुआ समझौता खतरे में पड़ गया था। इसी के बाद गनी को तालिबान कैदियों की रिहाई के लिए तैयार किया गया। शनिवार को अफगानिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जावीद फैसल ने कहा, कैदियों की रिहाई का मसला फिलहाल टल गया है। तालिबान की सूची के अनुसार कैदियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए कुछ समय चाहिए, हम उस पर कार्य कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में तालिबान के पांच हजार कैदी सरकारी जेलों में हैं। ज्यादातर को अमेरिका के नेतृत्व वाले विदेशी सैनिकों ने पकड़कर जेलों में डाला है। जबकि तालिबान के पास एक हजार सरकारी कर्मचारी और राजनीतिक कार्यकर्ता बंदी बने हुए हैं। तालिबान अपने सभी बंदियों की रिहाई चाहता है। ऐसा न होने पर वह अफगानिस्तान सरकार से शांति वार्ता न करने की धमकी दे रहा है।

गनी ने पूर्व में कहा था कि देश में हिंसा रुकी रही तो शनिवार से 1,500 तालिबान कैदियों की रिहाई शुरू हो जाएगी। बाकी के 3,500 कैदियों की रिहाई शांति वार्ता शुरू होने के बाद की जाएगी। फैसल ने कहा, हम गारंटी चाहते हैं कि रिहा किए जाने वाले लोग वापस लड़ाई के मैदान में नहीं आएंगे।

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