सऊदी अरब में पिता और पति से छिन गया ये हक, जानें - किस मामले में स्वतंत्र हुईं महिलाएं

इन नियम के मुताबिक अब 21 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को पासपोर्ट हासिल करने और अभिभावक की सहमति हासिल किए बिना देश छोड़ने की इजाजत होगी

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Fri, 02 Aug 2019 11:12 AM (IST) Updated:Fri, 02 Aug 2019 02:10 PM (IST)
सऊदी अरब में पिता और पति से छिन गया ये हक, जानें - किस मामले में स्वतंत्र हुईं महिलाएं
सऊदी अरब में पिता और पति से छिन गया ये हक, जानें - किस मामले में स्वतंत्र हुईं महिलाएं

रियाद,  एजेंसी। सऊदी अरब की महिलाएं अब पुरुष अभिभावक (पिता-पति या अन्‍य ) की इजाजत के बिना विदेश यात्रा कर सकेंगी। सऊदी अरब सरकार ने महिलाओं को अकेले ही विदेश जाने की अनुमति प्रदान किया है। इस फैसले के पूर्व सऊदी महिलाओं को अकेले विदेश यात्रा करने की इजाजत नहीं थी। हालांकि, इस नियम के खिलाफ पिछले वर्ष काफी आलोचना हुई थी। इसका अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर भी काफी निंदा हुई थी। इसके बाद सऊदी सरकार ने महिलाओं के हक में यह सुधारात्‍मक कदम उठाया है।
इस नियम के मुताबिक अब 21 साल से अधिक उम्र की महिलाओं को पासपोर्ट हासिल करने और अभिभावक की सहमति हासिल किए बिना देश छोड़ने की इजाजत होगी। यह जानकारी सरकारी गजट उम्‍म उल कुरा में प्रकाशित की गई है। हालांकि अखबार ने यह नहीं बताया है कि उसे यह जानकारी कहां से हासिल हुई है। मौजूदा कानून के मुताबिक सऊदी अरब में किसी भी उम्र की महिला बिना किसी पुरुष संरक्षक के विदेश यात्रा पर नहीं जा सकती है। यह नियम 21 वर्ष के कम उम्र के पुरुषों के साथ भी लागू है।
खास बात यह है कि सऊदी अरब अपने नागरिकों की विदेश यात्रा पर पाबंदियों में ढील देने का यह प्रस्‍ताव उस समय लाया है, जब उनके देश में शरणार्थियों की संख्‍या में लगातार इजाफा हो रहा है। सात वर्षों में सऊदी में शरणार्थियों की संख्‍या चौगुनी हो गई है। सऊदी शरणार्थियों में पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं। इससे यह जाहिर होता है कि सऊदी में अरब नागरिकों में उन्‍मुक्‍त जीवन जीने की लालसा निरंतर बढ़ रही है।   
सऊदी महिलाओं की आजादी के मामले में यह दशक अत्‍यधिक महत्‍वपूर्ण है। अगर इस दशक पर हम नजर दौड़ाएं तो वर्ष 2012 में सऊदी महिलाओं को खेलों में हिस्‍सा लेने का हक मिला। पहली बार सऊदी महिला ओलिंपिक खेलों में शामिल हुईं। अतंरराष्‍ट्रीय खेलों में पहली बार सऊदी का प्रतिनिधित्‍व देखने को मिला। दिसंबर 2015 में महिलाओं को वोट डालने का अधिकार हासिल हुआ। इसके पूर्व उनको इस अधिकार से वंचित रखा गया था। वर्ष 2017 में सऊदी महिलाओं को पासपोर्ट दिए जाने के सारे बंधन हटा दिए गए। उन्‍हें स्‍वतंत्र पासपोर्ट दिया जाने लगा। वर्ष 2018 में महिलाओं को स्‍टेडियम में प्रवेश की अनुमति हासिल हुई। इसी वर्ष महिलाओं को सेना में भर्ती की अनुमति प्रदान की गई। इसके साथ उन्‍हें स्‍वतंत्र कारोबार की इजाजत भी मिली।      

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