चिनफिंग ने सेना को दिए युद्ध के लिए तैयार रहने के निर्देश, सच होगी नास्त्रेदमस की भविष्‍वाणी?

चीन की सरकारी न्यूज वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चिनफिंग ने चीन के सामने बढ़ती चुनौतियों का हवाला देते हुए पीएलए को युद्ध-संबंधी गतिविधियों को बढ़ाने का आदेश दिया है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Sat, 05 Jan 2019 01:42 PM (IST) Updated:Sat, 05 Jan 2019 04:00 PM (IST)
चिनफिंग ने सेना को दिए युद्ध के लिए तैयार रहने के निर्देश, सच होगी नास्त्रेदमस की भविष्‍वाणी?
चिनफिंग ने सेना को दिए युद्ध के लिए तैयार रहने के निर्देश, सच होगी नास्त्रेदमस की भविष्‍वाणी?

शंघाई, जेएनएन। क्‍या विश्‍व में युद्ध के हालात बन रहे हैं? फ्रांसीसी भविष्यवेत्ता माइकल दि नास्त्रेदमस की तीसरे विश्‍व युद्ध को लेकर की गई भविष्‍यवाणी सच हो सकती हैं? क्‍या उनकी भविष्‍यवाणी के अनुसार अपनी रणनीति से चीन दुनिया का नया नेता बन जाएगा? इन आशंकाओं को चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग के ताजा बयान ने और बल दे दिया है। चिनफिंग ने शुक्रवार को चीनी सेना को युद्ध की तैयारियों में जुटने का आदेश दिया। चिनफिंग ने कहा कि चीन इस समय तमाम जोखिमों और चुनौतियों का सामना कर रहा है, लिहाजा पीएलए को युद्धक तैयारियां तेज करनी होंगी।

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के मुताबिक, तीसरा विश्व युद्ध दो सुपरपावर के बीच होगा और यह युद्ध लगभग 27 वर्षों तक चल सकता है। इसके बाद अपनी रणनीति से चीन दुनिया का नया नेता बन जाएगा। दरअसल, पिछले कुछ समय से विश्‍व के कई हिस्‍सों में युद्ध के हालात बने हुए हैं। अमेरिका और चीन के बीच चल रहा ट्रेड वॉर किसी से छिपा नहीं है। उधर उत्‍तर कोरिया भी अपना रंग कब बदल दे, कहा नहीं जा सकता है। ऐसे में चीन की युद्धक तैयारियां तेज करना विश्‍व के लिए चिंता का विषय है।

चीन की सरकारी न्यूज वेबसाइट ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चिनफिंग ने चीन के सामने बढ़ती चुनौतियों का हवाला देते हुए पीएलए (पीपल्स लिबरेशन आर्मी) को क्राइसिस अवेयरनेस और युद्ध-संबंधी गतिविधियों को बढ़ाने का आदेश दिया है।

इसके अलावा इस साल पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की स्थापना की 70वीं वर्षगाठ को मनाने मनाने के लिए चीन थियानमन चौक पर परेड के जरिए अपनी सैन्य ताकत का भी प्रदर्शन करेगा। परेड में पीएलए की युद्धक क्षमताओं को प्रदर्शित किया जाएगा। चिनफिंग ने पीएलए को चेताते हुए कहा कि तमाम जोखिम और चुनौतियां बढ़ रही हैं, जिसका सामना करने के लिए युद्धक तैयारियां जरूरी हैं।

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