चीन ने पूर्व न्याय मंत्री के खिलाफ जांच शुरू की, भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के निशाने पर आए

चीन के एक पूर्व न्याय मंत्री राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के निशाने पर आ गए हैं। फु झेंघुआ सार्वजनिक सुरक्षा उपमंत्री भी रह चुके हैं। अब उनके खिलाफ पार्टी अनुशासन एवं कानून के गंभीर उल्लंघन के लिए जांच की जा रही है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Sat, 02 Oct 2021 09:43 PM (IST) Updated:Sat, 02 Oct 2021 10:23 PM (IST)
चीन ने पूर्व न्याय मंत्री के खिलाफ जांच शुरू की, भ्रष्टाचार विरोधी अभियान के निशाने पर आए
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग पूर्व न्याय मंत्री फू झेंगहुआ

 बीजिंग, एपी। चीन के एक पूर्व न्याय मंत्री राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम के निशाने पर आ गए हैं। फु झेंघुआ सार्वजनिक सुरक्षा उपमंत्री भी रह चुके हैं। अब उनके खिलाफ पार्टी अनुशासन एवं कानून के गंभीर उल्लंघन के लिए जांच की जा रही है। सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी में अनुशासन जांच के लिए बने केंद्रीय आयोग ने यह जानकारी दी। आयोग ने मामले को लेकर और जानकारी नहीं दी है। 

ज्ञात हो कि शी जिनपिंग पर राजनीतिक विरोधियों को बाहर निकालने के लिए भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का उपयोग करने का आरोप लगता रहा है। झोउ के पतन को कम्युनिस्ट पार्टी में एक बार शक्तिशाली गुट को दफनाने के रूप में देखा गया था।

चीन के पूर्व न्याय मंत्री फू झेंगहुआ राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भ्रष्टाचार विरोधी अभियान का निशाना बन गए हैं। सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के केंद्रीय अनुशासन निरीक्षण आयोग ने 2 अक्टूबर को बताया है कि फू झेंगहुआ जो पब्लिक सिक्योरिटी के पूर्व उप मंत्री भी थे, पार्टी के अनुशासन और कानून के गंभीर उल्लंघन के लिए जांच के दायरे में हैं। आयोग ने मामले को लेकर और जानकारी नहीं दी है।

यह साफ नहीं हो सका है कि 66 साल के फू शी जिनपिंग के अभियान का लक्ष्य क्यों बने हैं। वह बीजिंग के लिए पब्लिक सिक्यूरिटी के प्रमुख और 2013 से 2018 तक पब्लिक सिक्यूरिटी के उप मंत्री रहे हैं। इसके बाद 2018-2020 के बीच फू न्याय मंत्री रहे हैं।

इससे पहले सावर्जनिक सुरक्षा के उप मंत्री रहते हुए फू ने भ्रष्टाचार विरोधी अभियान में दोषी ठहराए गए सबसे वरिष्ठ अधिकारियों में से एक, झोउ योंगकांग की जांच का नेतृत्व किया था। ज्ञात हो कि पूर्व सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री झोउ, शी के पूर्ववर्ती राष्ट्रपति हू जिंताओ के अधीन कम्युनिस्ट पार्टी के शीर्ष निकाय पोलित ब्यूरो स्थायी समिति के नौ सदस्यों में से एक थे। झोउ को 2015 में रिश्वत लेने, सत्ता का दुरुपयोग करने और राज्य के रहस्यों को लीक करने के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी।

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