ईरान परमाणु कार्यक्रम पर जारी रहेगा US प्रतिंबध, यूरोपीय देशों पर नहीं लागू होगी शर्त

बोल्‍टन ने फॉक्‍स बिजनेस नेटवर्क को दिए एक साक्षात्‍कार में कहा कि हमारी ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर पूरी नजर है।

By Ramesh MishraEdited By: Publish:Thu, 01 Aug 2019 12:39 PM (IST) Updated:Thu, 01 Aug 2019 12:54 PM (IST)
ईरान परमाणु कार्यक्रम पर जारी रहेगा US प्रतिंबध, यूरोपीय देशों पर नहीं लागू होगी शर्त
ईरान परमाणु कार्यक्रम पर जारी रहेगा US प्रतिंबध, यूरोपीय देशों पर नहीं लागू होगी शर्त

वाशिंगटन, एजेंसी। व्‍हाइट हाउस के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहाकार जॉन बोल्‍टन ने बुधवार को साफ किया कि अमेरिका ईरान परमाणु कार्यक्रमों के लिए प्रतिबंधों का नवीनीकरण करेगा। इसके तहत रूस, चीन और यूरोपीय देशों को तेहरान के साथ अपने परमाणु सहयोग को जारी रखने की अनुमति होगी। हालांकि, ईरानी परमाणु कार्यक्रम के प्रति अमेरिकी रूख में कोई तब्‍दीली नहीं आई है। अमेरिका का यह बयान ऐसे समय आया है, जब फ्रांस सरकार ईरान और अमेरिका के बीच तनावों को कम करने के लिए प्रयास कर रही है। बोल्‍टन ने फॉक्‍स बिजनेस नेटवर्क को दिए एक साक्षात्‍कार में कहा कि हमारी ईरानी परमाणु कार्यक्रम पर पूरी नजर है। हम उनके परमाणु गतिविधियों को बहुत करीब से देख रहे हैं।  

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर 2015 में हुए एक करार से पिछले साल अमेरिका को बाहर कर लिया था। इस प्रतिबंध के बाद ट्रंप प्रशासन ने मई में ईरान पर प्रतिबंधों को और कड़ा कर दिया था, ताकि उसके तेल निर्यात को रोका जा सके। इसके बाद से अमेरिका और ईरान के संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए हैं। अमेरिका के इस कदम से ईरान के यूरोपीय सहयोगियों में काफी निराश व्‍याप्‍त थी। इस समझौते में फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने अहम भूमिका निभाई थी। इस समस्‍या के समाधान के लिए फ्रांस ने अमेरिका और ईरान के बीच तनाव को कम करने के लिए लगातार राजनयिक पहल जारी रखा। इसी क्रम में फ्रांसीसी राष्‍ट्रपति मैक्रों के विदेश नीति सलाहकार एमैनुएल बोन ने दो बार तेहरान की यात्रा कर चुके हैं। अमेरिका का यह रूख इसी कड़ी से जोड़कर देखा जा रहा है। 
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव का दौर गत वर्ष मई में उस समय शुरू हुआ, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने परमाणु करार से हटने का एलान कर दिया था। इसके बाद उन्होंने ईरान पर कई प्रतिबंध थोप दिए। बता दें कि ईरान ने 2015 में अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन, चीन और जर्मनी के साथ परमाणु करार किया था। ईरान से खतरे को देखते हुए अमेरिका ने पश्चिमी एशिया में अपने विमानवाहक पोत और बमवर्षक विमान तैनात किए हैं। ईरान ने हाल में कहा था कि उसने परमाणु करार का उल्लंघन करते हुए यूरेनियम संवर्धन बढ़ा दिया है।

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