चीन को पस्त करने के लिए अमेरिका ने तैयार की ये रणनीति, भारत से प्रगाढ़ होगी दोस्ती
अमेरिका उन देशों के साथ अपनी मैत्री को प्रगाढ़ करना चाहता है जो चीन की साम्राज्यवादी नीतियों से खफा है। इसके तहत वह भारत समेत अन्य देशों के साथ संबंध प्रगाढ़ कर सकता है।
वाशिंगटन, एजेंसी। विकसित देशों के समूह जी-7 में भारत को शामिल करने के संकेत के बाद अमेरिका ने रविवार को कहा कि चीनी सैन्य क्षमता से उत्पन्न खतरों के मद्देनजर अमेरिका भारत सहित दुनिया के कई मुल्कों के साथ साझेदारी कर सकता है। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि चीनी की सैन्य चुनौतियों से निपटने के लिए व्हाइट हाउस इस रणनीति पर विचार कर रहा है। बता दें कि अमेरिका उन देशों के साथ अपनी मैत्री को प्रगाढ़ करना चाहता है जो चीन की साम्राज्यवादी नीतियों से खफा है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में हम भारत के साथ ऑस्टेलिया, दक्षिण कोरिया और जापान के साथ और सहयोग बढ़ा सकते हैं। खास बात यह है कि शनिवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जी-7 की विस्तार योजना के तहत भारत के साथ दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया को शामिल करने के संकेत दिए थे।
सैन्य क्षमताओं का निंरतर विस्तार कर रहा है चीन
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी अपनी सामरिक सत्ता का विस्तार कर रही है। चीन अपनी सैन्य क्षमताओं का निंरतर विस्तार कर रहा है। ऐसे में अमेरिकी रक्षा विभाग इस खतरे को समझने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। पाम्पिओ ने कहा कि मुझे विश्वास है कि राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में हमारे रक्षा विभाग, हमारी सेना, हमारे राष्ट्रीय सुरक्षा प्रतिष्ठान हमें एक ऐसी स्थिति में रखेंगे, जहां हम अमेरिकी लोगों की रक्षा कर सकते हैं। उन्होंने कहा इस दिशा में भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, जापान के साथ ब्राजीन और यूरोपीय देश हमारे अच्छे सहयोगी हो सकते है।
भारत पर दबाव बना रहा है चीन
भारत-चीन सीमा विवाद पर पोम्पिओ ने कहा कि साम्यवादी सरकार काफी लंबे समय से सरहद पर भय का माहौल उत्पन्न कर रही है। उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से चीन अपने सामरिक लाभ के लिए इस भूखंड का इस्तेमाल करेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि भारत-चीन सीमा पर प्रत्येक समस्या को चिन्हित करने के पीछ बीजिंग की इच्छा भारत को धमकी देने की है। ऐसा करके चीन भारत पर दबाव बना रहा है।