जानें आखिर क्‍यों गुस्‍साए ट्रंप ने खुफिया प्रमुख को बोला 'वापस स्‍कूल में जाओ और सीखो'

अमेरिकी राष्‍ट्रपति की विदेश नीति पर अब उनके ही खुफिया प्रमुख ने सवाल खड़े कर दिए हैं। इसकी वजह से ट्रंप ने उन्‍हें वापस स्‍कूल जाकर सीखने की नसीहत तक दे डाली है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Thu, 31 Jan 2019 01:44 PM (IST) Updated:Thu, 31 Jan 2019 01:44 PM (IST)
जानें आखिर क्‍यों गुस्‍साए ट्रंप ने खुफिया प्रमुख को बोला 'वापस स्‍कूल में जाओ और सीखो'
जानें आखिर क्‍यों गुस्‍साए ट्रंप ने खुफिया प्रमुख को बोला 'वापस स्‍कूल में जाओ और सीखो'

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। ईरान के मुद्दे पर अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप के फैसले को उनके ही नियुक्‍त किए गए खुफिया विभाग के डायरेक्‍टर डेन कॉट्स गलत बताने से नहीं चूक रहे हैं। आपको जानकर भले ही हैरत हो लेकिन यह सच है। दरअसल, बीते दिनों राष्‍ट्रपति ट्रंप द्वारा नियुक्‍त मुख्‍य खुफिया अधिकारी ने सीनेट को कहा कि वह इस बात पर विश्‍वास नहीं करते हैं कि ईरान न्‍यूक्लियर बम बनाने की कोशिश कर रहा है। उनके इस बयान ने अमेरिका में ट्रंप प्रशासन और खुफिया विभाग के बीच एक लकीर खींच दी है। अमेरिका की विदेश नीति पर उठे इस सवाल से ट्रंप काफी नाखुश हैं।

दरअसल, ईरान को लेकर राष्‍ट्रपति ट्रंप ने कहा था कि वह परमाणु बम और मिसाइल बनाने की कोशिश कर रहा है। ट्रंप ने इस बाबत ट्वीट कर खुफिया अधिकारी को गलत बताया है। गुस्‍साए ट्रंप ने खुफिया अधिकारी को दोबारा स्‍कूल में जाने की सलाह तक दे डाली है। उनका कहना है कि जब उन्‍होंने सत्‍ता संभाली थी उस वक्‍त ईरान पूरे मध्‍य एशिया में परेशानी का सबब बना हुआ था। ईरान से परमाणु डील तोड़ने के बाद ईरान ने पिछले सप्‍ताह अपने रॉकेट का परिक्षण किया था। ईरान आर्थिक रूप से कंगाल हो चुका है। इसलिए ईरान से बचने की जरूरत है।

ट्रंप ने खुफिया अधिकारी और अपनी विदेश नीति को सही साबित करने के लिए अपने एक अन्‍य ट्वीट में कहा है कि आईएसआईएस के खिलाफ उनकी नीति काफी सफल साबित हुई है। इतना ही नहीं अफगानिस्‍तान में शांति के लिए तालिबान से वार्ता भी सकारात्‍मक होती दिखाई दे रही है। इसके अलावा उत्तर कोरिया से भी अमेरिका के संबंधों में बदलाव आया है। कभी वह डर का पर्याय बन चुका था लेकिन अब वही देश खुशहाली और दोस्‍ती की नई कहानी लिख रहा है। उनका कहना है कि अपनी सफल विदेश नीति की ही बदौलत कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु म्‍क्‍त बनाने का सपना सच होने की राह पर है। वहीं अमेरिका की पुरानी सरकारें इस तरफ कोई सराहनीय कदम नहीं उठा सकी थीं।

हालांकि ट्रंप ने अपने बयान में रूस का जिक्र नहीं किया है। इसके अलावा उन्‍होंने जलवायु परिवर्तन का भी कोई जिक्र नहीं किया, जबकि इन दोनों विषयों का जिक्र कॉट्स ने किया था। आपको बता दें कि बीते वर्ष मई में ही अमेरिका ने ईरान से परमाणु डील खत्‍म की थी। इस डील के टूटने के आठ माह बाद ही खुफिया विभाग के डायरेक्‍टर ने राष्‍ट्रपति ट्रंप की विदेश नीति पर सवाल उठा दिया है। जहां तक खुफिया विभाग के डायरेक्‍टर की बात है तो उन्‍होंने वर्ष 2020 में एक बार फिर से रूस द्वारा अमे‍रिका की राजनीति को प्रभावित करने की आशंका भी जताई है।

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