सतर्क रहें: पर्यटन एजेंसियों की नाकामी आप पर न पड़ जाए भारी

पिछले साल पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी कई कंपनियों और एयरलाइंस के डाटा में सेंध के मामले सामने आए थे। हैकर मूलत: पर्यटकों का डाटा चुराते हैं।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Publish:Sat, 09 Feb 2019 10:23 AM (IST) Updated:Sat, 09 Feb 2019 10:24 AM (IST)
सतर्क रहें: पर्यटन एजेंसियों की नाकामी आप पर न पड़ जाए भारी
सतर्क रहें: पर्यटन एजेंसियों की नाकामी आप पर न पड़ जाए भारी

द न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। दुनियाभर में हैकिंग और डाटा चोरी जैसे मामलों से पर्यटन का क्षेत्र भी अछूता नहीं है। पिछले साल पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी कई कंपनियों और एयरलाइंस के डाटा में सेंध के मामले सामने आए थे। हैकर मूलत: पर्यटकों का डाटा चुराते हैं। इस तरह की खबरें अक्सर आम लोगों को हतोत्साहित करती हैं।

किसी सफर की तैयारी कर रहे व्यक्ति के मन में यह सवाल भी तैरने लगा है कि टिकट बुकिंग से होटल बुकिंग तक हर जगह लेनदेन करते हुए वह अपना डाटा कैसे सुरक्षित रखे। यह डर सताता है कि कहीं पर्यटन एजेंसी या एयरलाइंस का डाटा हैक होने से हमारी गोपनीय जानकारियां भी लीक न हो जाएं।

सैन डियागो से संचालित गैर-लाभकारी संगठन आइडेंटिटी थेफ्ट रिसोर्स सेंटर की चीफ एक्जीक्यूटिव इवा वेलास्क्यूज ने कहा, ‘पर्यटन एजेंसियां इस समय हैकर्स के निशाने पर हैं। इसकी वजह यह है कि इन एजेंसियों के पास एकमुश्त कई लोगों की गोपनीय जानकारियां रहती हैं।’ लोगों की इन्हीं चिंताओं को देखते हुए कई टेक्नोलॉजी कंपनियां इसका समाधान भी देने लगी हैं। सफर की तैयारी से लेकर सफर पूरा होने तक कई जरूरी कदम उठाकर आप ऐसे खतरों से खुद को बचा सकते हैं।

टेक डिवाइस का रखें ध्यान
टेक्नोलॉजी के बढ़ते प्रयोग की वजह से हर सफर पर लैपटॉप और स्मार्टफोन जैसे डिवाइस आपके साथ रहते हैं। इनमें अगर सेंध लग जाए, तो नि:संदेह बड़ा नुकसान हो सकता है। इससे बचने के लिए एक बात हमेशा ध्यान रखें कि कहीं भी पब्लिक हॉटस्पॉट का इस्तेमाल नहीं करें। किसी एयरपोर्ट या होटल में भी लोकल हॉटस्पॉट का इस्तेमाल आपके डिवाइस में सेंध की वजह बन सकता है। इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करें कि आपका डिवाइस पासवर्ड से सुरक्षित हो और एनक्रिप्टेड हो। चार्जर हमेशा साथ रखें। पब्लिक चार्जर का इस्तेमाल भी डिवाइस में सेंध का रास्ता बना सकता है।

बनाएं नई डिजिटल पहचान
रिस्क मैनेजमेंट कंपनी वर्ल्ड अवेयर के प्रमुख ब्रूस मैकइंडो का कहना है कि किसी सफर पर निकलने से पहले अपनी एक वैकल्पिक डिजिटल पहचान बना लेनी चाहिए। इसके लिए आप गूगल वॉइस या ऐसी ही अन्य सेवाओं की मदद से एक अस्थायी फोन नंबर बना सकते हैं। बुकिंग के दौरान सारी बातचीत इसी नंबर से कीजिए। इसी तरह अपनी ईमेल आइडी को सुरक्षित रखने के लिए आप अस्थायी ईमेल आइडी भी बना सकते हैं। इसी तरह आइपोस्टल1 डॉट कॉम और फिजिकल एड्रेस डॉट कॉम जैसी वेबसाइट्स आपका पता भी गोपनीय रखने में मदद कर सकती हैं। इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

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