स्टूडेंट वीजा पर लगे रोक को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, छात्रों के सभी हितों का रखा जाएगा ध्यान

सोमवार को अमेरिका ने ऐलान किया कि ऐसे छात्रों का वीजा वापस लिया जाएगा जिनकी क्लासेज केवल ऑनलाइन मॉडल पर हो रही है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Tue, 07 Jul 2020 10:02 PM (IST) Updated:Tue, 07 Jul 2020 10:12 PM (IST)
स्टूडेंट वीजा पर लगे रोक को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, छात्रों के सभी हितों का रखा जाएगा ध्यान
स्टूडेंट वीजा पर लगे रोक को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा, छात्रों के सभी हितों का रखा जाएगा ध्यान

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के F-1 वीजा में ढील देने के लिए भारत और अमेरिकी विदेश मंत्रालय के बीच बात हुई है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि वे F-1 वीजा से प्रभावित छात्रों के सभी हितों का ध्यान रखा जाएगा और इस प्रभाव को कम करने की कोशिश की जाएगी। इसके  साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि F-1  वीजा वापस लिए जाने के अभी विस्तृत दिशा निर्देश जारी नहीं किए गए हैं।

बता दें कि सोमवार को अमेरिका ने ऐलान किया कि ऐसे छात्रों का वीजा वापस लिया जाएगा जिनकी क्लासेज केवल ऑनलाइन मॉडल पर हो रही है। इमिग्रेशन और कस्टम इनफोर्समेंट डिपार्टमेंट  की तरफ से एक बयान जारी करके कहा गया कि नॉनइमिग्रैंट F-1 वीजा वाले छात्रों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

इमिग्रेशन सिस्टम पर ट्रंप सरकार ने किए बदलाव

कोरोना वायरस की महामारी का हवाला देते हुए ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी इमिग्रेशन सिस्टम में अनेकों बदलाव किए है। 22 जून को इसने L-1, H-1B, H-2B और  J-1 वीजा पर रोक लगाने का ऐलान कर दिया था और अब स्टूडेंट वीजा पर भी रोक लगाने का फैसला कर दिया है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में अकेडमिक प्रोग्राम के तहत एडमिशन लेने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र छात्राएं F-1 वीजा के तहत यहां रहते हैं वहीं वोकेशनल या अन्य किसी कोर्स या टेक्निकल प्रोग्राम के लिए  M-1 वीजा की जरूरत होती है। 2017-18 में भारत से यहां सबसे कुल  2 लाख 51 हजार स्टूडेंट आए थे वहीं चीन से कुल 4 लाख 78 हजार 7 सौ 32 स्टूडेंट यहां पढ़ने आए थे।

दरअसल, कोविड-19 के कारण वहां फैली महामारी के संकट से बचने के लिए अमेरिका की यूनिवर्सिटी अब ऑनलाइन क्लास का प्रावधान करने को लेकर विचार कर रही है। बता दें कि दुनिया भर के संक्रमित देशों में सबसे पहला नंबर अमेरिका का है। इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट (ICE) की ओर से सोमवार को जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि 2020 सेमेस्टर के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लास का प्रावधान किए जाने की संभावना है इसलिए दूसरे देशों से आए विद्यार्थियों को यहां रहने की आवश्यकता नहीं।

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