वैज्ञानिकों ने खोज निकाली मानव कोशिकाओं में वायरस के प्रवेश को रोकने वाली नई दवा
माना जा रहा है कि अगर यह दवा प्रयोग में सफल रहती है तो इससे कोरोना वायरस का इलाज विकसित करने में काफी मदद मिल सकती है।
बोस्टन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने एक ऐसी दवा की खोज कर ली है जो संभवत: मानव कोशिकाओं में कोरोना वायरस कोविड-19 को प्रवेश करने से रोक देगी। अगर यह दवा प्रयोग में सफल रहती है तो इससे कोरोना का इलाज विकसित करने में काफी मदद मिल सकती है।
शोधकर्ताओं के अनुसार, खोजी गई दवा प्रोटीन (पेपटाइड) का एक छोटा अंश है जो मानव कोशिका की सतह पर पाये जाने वाले से मिलता जुलता है। यह प्रोटीन कोरोना वायरस के उस प्रोटीन को बांध देता है जिसके जरिये वायरस कोशिका में प्रवेश करता है। बायोआरएक्सआइवी के ऑनलाइन संस्करण में प्रकाशित इन निष्कर्षो के अनुसार, मैसाचुसेट्स इंस्टीटूयट ऑफ टेक्नालाजी (एमआइटी) के एसोसिएट प्रोफेसर ब्रैड पेंटेल्यूट ने कहा कि हम जैसा कंपाउंड तलाश रहे थे वह मिल गया है।
यह वायरल प्रोटीन के साथ वैसा ही व्यवहार कर रहा है जैसी कि हम लोगों ने संभावना जताई थी। इससे उम्मीद बंधी है कि मानव कोशिका में वायरस की घुसपैठ रोकी जा सकती है। शोधकर्ताओं ने इस पेपटाइड के नमूने अन्य शोधकर्ताओं को भेजे हैं जो अपने-अपने यहां उसका मानव कोशिकाओं पर उसका असर देखेंगे। चीन के एक रिसर्च ग्रुप द्वारा मानव कोशिका के रिसेप्टर व कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन का क्रायो ईएम स्ट्रक्चर प्रकाशित करने के बाद इस टीम ने मार्च की शुरुआत में इस पर शोध शुरू किया था।
कोरोना के लिए वैक्सीन का दूसरे देशों में भी परीक्षण करेगा चीन
कोरोना की रोकथाम के लिएविकसित की जा रही वैक्सीन का अपने यहां सफल और सुरक्षित परीक्षण करने के बाद चीन उसका दूसरे देशों में भी परीक्षण कर सकता है। यह जानकारी चीन के एक शोधकर्ता ने दी।
चाइनीज एकेडमी आफ इंजीनियरिंग की सदस्य चेन वेई ने बताया कि वुहान में 16 मार्च से इस वैक्सीन के पहले चरण के परीक्षण शुरू हो गए हैं। यह परीक्षण आराम से चल रहे हैं। परीक्षण की रिपोर्ट पहली अप्रैल को प्रकाशित की जाएगी। इस वैक्सीन का चीन में रह रहे विदेशियों पर भी परीक्षण किया जाएगा।