Russia Ukraine War: सीमा के पास मौजूद प्रमुख रूसी तेल रिफाइनरी पर ड्रोन से हमले, यूक्रेन पर हमले का संदेह

यूक्रेन सीमा के पास मौजूद एक प्रमुख रूसी तेल रिफाइनरी पर ड्रोन से हमले किए गए हैं। रूसी रिफाइनरी ने दावा किया है कि यूक्रेन की दिशा से आए दो ड्रोन ने बुधवार को सीमा के पास मौजूद संयंत्र पर हमला बोला।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 22 Jun 2022 05:39 PM (IST) Updated:Wed, 22 Jun 2022 05:53 PM (IST)
Russia Ukraine War: सीमा के पास मौजूद प्रमुख रूसी तेल रिफाइनरी पर ड्रोन से हमले, यूक्रेन पर हमले का संदेह
सिविएरोडोनेट्सक शहर में गश्त करते यूक्रेनी सेना के जवान (REUTERS)

मास्‍को, रायटर। यूक्रेन सीमा के पास मौजूद एक प्रमुख रूसी तेल रिफाइनरी पर ड्रोन से हमले किए गए हैं। रूसी रिफाइनरी ने दावा किया है कि यूक्रेन की दिशा से आए दो ड्रोन ने बुधवार को सीमा के पास मौजूद संयंत्र पर हमला बोला। यह हमला इतना शक्तिशाली था कि संयंत्र को उत्पादन रोक देना पड़ा। सनद रहे हाल के महीनों में यूक्रेन सीमा से लगे रूसी क्षेत्रों पर कई हमले हुए हैं।

समाचार एजेंसी रायटर की रिपोर्ट के मुताबिक हाल ही में यूक्रेनी सेना ने रूस के कब्जे वाले क्रीमिया में काला सागर से तेल निकालने वाले प्लेटफार्म पर हमला बोला था। करीब चार महीने के युद्ध में ऐसा पहली बार हुआ जब यूक्रेनी फौज ने मुल्‍क के बाहर किसी बडे़ रूसी ठिकाने को निशाना बनाया था। इस हमले में तीन लोग घायल हो गए थे। मालूम हो कि क्रीमिया पहले यूक्रेन का ही हिस्‍सा था लेकिन रूस ने साल 2014 में उस पर कब्जा कर लिया था।

इस बीच रूस और चीन की जुगलबंदी रंग ला रही है। रूस चीन के लिए तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया है। रूस ने सऊदी अरब को पीछे छोड़ते हुए यह स्थान प्राप्त किया है। चीन को बीते मई महीने से कम दर पर तेल बेचते हुए रूस ने यह स्थान प्राप्त किया है। पिछले वर्ष की तुलना में रूस ने चीन को 55 प्रतिशत ज्यादा तेल की आपूर्ति की है। रूस ने चीन को तेल आपूर्ति पूर्व साइबेरिया प्रशांत महासागर पाइपलाइन और समद्री तेल टैंकरों के जरिये की।

मई में रूस ने करीब 85 लाख टन कच्चे तेल की आपूर्ति चीन को की जबकि इसी दौरान सऊदी अरब से चीन को करीब 78 लाख टन तेल की आपूर्ति हुई। यूक्रेन युद्ध के विरोध में अमेरिका और ब्रिटेन ने रूस से तेल के व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया है जबकि यूरोपीय यूनियन ने रूसी तेल लेना कम कर दिया है। 2022 के अंत तक यूरोपीय यूनियन ने रूस से होने वाली तेल खरीद की 90 प्रतिशत मात्रा बंद करने का एलान किया है। 

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