अब स्‍पेस रिसोर्सिज का अपने फायदे के लिए इस्‍तेमाल कर सकेगा अमेरिका, ट्रंप ने आदेश पर किए साइन

ट्रंप के आदेश के बाद अंतरिक्ष में अमेरिका का दखल बढ़ने की पूरी संभावना है। ये आदेश अंतरिक्ष के संसाधनों का अपने हितों के लिए इस्‍तेमाल करने के बाबत है।

By Kamal VermaEdited By: Publish:Tue, 07 Apr 2020 11:37 AM (IST) Updated:Tue, 07 Apr 2020 11:37 AM (IST)
अब स्‍पेस रिसोर्सिज का अपने फायदे के लिए इस्‍तेमाल कर सकेगा अमेरिका, ट्रंप ने आदेश पर किए साइन
अब स्‍पेस रिसोर्सिज का अपने फायदे के लिए इस्‍तेमाल कर सकेगा अमेरिका, ट्रंप ने आदेश पर किए साइन

वाशिंगटन डीसी (एएनआई)। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ने एक एग्‍जीक्‍यूटिव ऑर्डर पर अपने दस्‍तखत किए हैं। इस ऑर्डर के बाद अमेरिका अंतरिक्ष में मौजूद संसाधनों का उपयोग अपने हितों के लिए कर सकेगा। इस आदेश का मकसद प्राइवेट इंडस्‍ट्री द्वारा स्‍पेस रिसोर्सिज की रिकवरी और उनके इस्‍तेमाल को लेकर देश की नीतियों को अंतरराष्‍ट्रीय समर्थन पाना है। इसका एक मकसद अंतरिक्ष में प्राइवेट पार्टनर्स की दखल को बढ़ाना भी है। इसमें केवल चंद्रमा पर किए गए कार्य ही शामिल नहीं है बल्कि मंगल ग्रह पर भविष्‍य में होने वाले कार्यक्रम भी शामिल हैं। इसकी जानकारी राष्‍ट्रपति के डिप्‍टी असिसटेंट और नेशनल स्‍पेस काउंसिल के एग्‍जीक्‍यूटिव सेक्रेटरी स्‍कॉट पेस ने दी है।

आपको बता दें कि अमेरिका चांद पर इंसान को भेजकर एक बार फिर से इतिहास को दोहराने की तैयारी में लगा हुआ है। इस एग्‍जीक्‍यूटिव ऑर्डर को Encouraging International Support for the Recovery and Use of Space Resources नाम दिया गया है। यह ऑर्डर अमेरिका द्वारा अंतरिक्ष को लेकर19767 में की गई संधि की भी पुष्टि करता है। लेकिन मंगल ग्रह को लेकर जो समझौता 1979 में हुआ था उसको खारिज करता है। अमेरिका का कहना है कि वो इस संधि में शामिल नहीं है।

इस संधि पर 95 में से केवल 17 देशों ने ही अपने दस्‍तखत किए हैं। ये सभी 95 सदस्‍य यूएन की उस कमेटी का हिस्‍सा हैं जो अंतरिक्ष के शांतिपूर्ण और मानवता की भलाई के लिए इस्‍तेमाल करने का समर्थन करती है। इस आदेश में ये भी साफ किया गया है कि अमेरिका सुदूर अंतरिक्ष को सभी के लिए समान नहीं मानता है। पेस के मुताबिक वर्ष 2015 में अमेरिकी कांग्रेस ने ये फैसला लिया था कि उनको अंतरिक्ष का अपने हित के लिए और व्‍यवसायिक मकसद के लिए इस्‍तेमाल करने का पूरा हक है।

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