जानिए उन दो मिसाइलों के नाम, जिनसे ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर किया हमला

ईरान ने फिलहाल अपनी दो मिसाइलें इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर दागी है। ईरान की मिसाइलों पर अन्य सैन्य ठिकाने भी हैं।

By Vinay TiwariEdited By: Publish:Wed, 08 Jan 2020 05:10 PM (IST) Updated:Thu, 09 Jan 2020 06:30 AM (IST)
जानिए उन दो मिसाइलों के नाम, जिनसे ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर किया हमला
जानिए उन दो मिसाइलों के नाम, जिनसे ईरान ने इराक स्थित अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर किया हमला

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। अमेरिका की ओर से किए गए एयर स्ट्राइक में मारे गए ईरानी कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला लेने के लिए ईरान की ओर से दो मिसाइलें दागी गई। ईरान ने ये दोनों मिसाइलें इराक में अमेरिकी ठिकानों पर दागी हैं।

ईरान का कहना है कि उनकी ओर से छोड़ी गई इन मिसाइलों से 80 अमेरिकी मारे गए हैं जबकि डोनल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके कहा कि किसी भी सैन्य ठिकाने को कोई नुकसान नहीं हुआ है न ही कोई मारा गया है। अब हर किसी के मन में ये उत्सुकता हो रही है कि ईरान ने जो मिसाइलें इराक के अमेरिकी ठिकानों पर छोड़ी हैं उनके क्या नाम फतह-110 और कईम-1 हैं। फतह-100, 300 किलोमीटर और कईम-100 500 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से जा सकता है।

इन दो ठिकानों पर किए गए हमले

ईरान ने अपनी इन दोनों मिसाइलों से पश्चिमी इराक में एइन अल-असद और इराकी कुर्दिस्तान में एरबिल के आसपास बने अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर दो बैलिस्टिक मिसाइलों का इस्तेमाल किया है। इन दोनों मिसाइलों से अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर हमला किया गया।

ईरानी डिजाइन वाली थीं दोनों मिसाइलें

ईरानी सूत्रों के अनुसार (स्पूतनिक वेबसाइट) ये दोनों मिसाइलें पूर्व ईरानी डिजाइन वाली थीं। ये कम दूरी की सतह से सतह पर मार करने वाली बैलिस्टिक मिसाइलें थीं। इनकी खासियत ये है कि इनको किसी भी स्थान से प्रक्षेपित किया जा सकता है, जबकि बाद को विशेष रूप से मध्य पूर्व में अमेरिकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए बनाया गया था। जब इसे लॉन्च किया गया था तो फतेह -110 का वर्णन ईरानी रक्षा मंत्री ब्रिगेडियर जनरल अमीर हातमी ने 100 फीसदी घरेलू रूप से बना हुआ बताया था। इसी के साथ इसकी खासियत भी गिनाई थी। बताया था कि इनका इस्तेमाल फुर्तीला, चुपके, सामरिक (और सटीक-निर्देशित) के रूप में किया जा सकता है। 

अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता ने दिया बयान

बताया गया कि ये दोनों मिसाइलें ईरान में तबरेज और कुरमानशाह प्रांतों से दागी गई थीं। अमेरिकी रक्षा विभाग के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि इन मिसाइलों को ईरान से लॉन्च किया गया था। उन्होंने कहा कि हमलों ने ऐन पहले असद और एरबिल पर कम से कम दो इराकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। उन्होंने कहा कि इस हमले से जो भी नुकसान हुआ है उसका आंकलन किया जा रहा है।

सुलेमानी के जनाजे में मची भगदड़ में हुई मौत से और गुस्साए ईरानी

एक बात ये भी कही जा रही है कि अमेरिका के हमले में सुलेमानी की मौत से पूरे ईरान के लोगों में गुस्सा है। इसका अंदाजा इससे भी लगाया जा सकता है कि जब सुलेमानी का जनाजा निकला तो लाखों की संख्या में लोग उसमें शामिल हुए। इस दौरान इसमें भगदड़ मच गई।

भगदड़ में 50 लोग मारे गए और 200 से अधिक घायल हो गए थे। अब लोगों के मन में इस बात को भी लेकर गुस्सा है कि अमेरिका ने एक साथ उनके एक बड़े नेता और 50 सामान्य नागरिकों की जान ले ली, वो अमेरिका को ही इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं। अमेरिका के खिलाफ पूरे ईरानी नागरिकों में गुस्सा है। वो बदला लेने के लिए किसी भी हद तक उतरने को तैयार हैं।  

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