रूहानी की इस शर्त के चलते कम हो सकता है अमेरिका और ईरान के बीच तनाव

ईरान ने अमेरिका के साथ अप्रत्यक्ष बातचीत करने के संकेत दिए हैं। ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध अगर हटाए जाते हैं तो वो अमेरिका के साथ बातचीत के लिए तैयार हो सकता है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Publish:Thu, 25 Jul 2019 09:20 PM (IST) Updated:Thu, 25 Jul 2019 09:24 PM (IST)
रूहानी की इस शर्त के चलते कम हो सकता है अमेरिका और ईरान के बीच तनाव
रूहानी की इस शर्त के चलते कम हो सकता है अमेरिका और ईरान के बीच तनाव

लंदन, द न्यूयॉर्क टाइम्स। अमेरिका के साथ बढ़े टकराव के बीच ईरान ने कुछ ऐसे संकेत दिए हैं जिससे आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच तनाव कम होने की उम्मीद बढ़ी है। ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने प्रतिबंध हटने पर अमेरिका के साथ बातचीत करने के संकेत दिए। रूहानी ने ब्रिटेन को टैंकरों की अदला-बदली का प्रस्ताव भी दिया है।

तेहरान में कैबिनेट की बैठक के बाद रूहानी ने अमेरिका के साथ अप्रत्यक्ष बातचीत करने के संकेत दिए। ईरान की आधिकारिक सरकारी वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार रूहानी ने कहा, 'बेशक ऐसे देश हैं जो अमेरिका और हमारे बीच में मध्यस्थ का काम कर रहे हैं। पत्राचार और बातचीत चल रही है और सबको पता होना चाहिए कि हम कभी बातचीत के अवसर को नहीं छोड़ेंगे।'

वॉशिंगटन और तेहरान के बीच तनाव तब ज्यादा बढ़ गया था जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर 2015 के परमाणु समझौते का पालन न करने का आरोप लगाते हुए अमेरिका को अलग कर लिया था साथ ही ईरान पर कई आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए थे।

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रूहानी ने बुधवार को कहा कि ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध अगर हटाए जाते हैं तो वह वाशिंगटन के साथ बातचीत के लिए फिर से तैयार हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर दूसरे पक्ष की ओर से सही और संतुलित कदम उठाया जाता है और चल रहे इस आर्थिक युद्ध में संघर्ष विराम की घोषणा की जाती है तो एक दूसरे से बात करने और किसी निष्कर्ष पर आने का अवसर मिलेगा।

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रूहानी ने यूरोपीय देशों के साथ तनाव कम करने के संकेत भी दिए हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि वे ब्रिटेन का टैंकर छोड़ सकते हैं, लेकिन बदले में ब्रिटेन जिब्राल्टर के तट से जब्त किए गए ईरानी जहाज को छोड़े। रूहानी का बयान यह भी दर्शाता है कि ईरान ने बदले की कार्रवाई में ही ब्रिटेन का टैंकर जब्त किया था।

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ईरान ने दो दिन पहले ब्रिटिश फ्लैग लगे स्वीडेन की कंपनी के मालिकाना हक वाले तेल टैंकर को होरमुज जलडमरूमध्य में पकड़ा था। इसके चालक दल के 23 सदस्यों में से 18 भारतीय हैं। बुधवार को कंपनी ने कैप्टन से बातचीत के बाद कहा था कि चालक दल के सभी सदस्य सुरक्षित हैं।

जिब्राल्टर की अदालत में है ईरान के टैंकर का मामला
ब्रिटिश रॉयल नौसेना के सैनिकों ने चार जुलाई को जिब्राल्टर के तट पर ईरान के टैंकर को जब्त कर लिया था। आरोप था कि टैंकर सीरिया के लिए तेल आपूर्ति लेकर निकला था जोकि यूरोपीय संघ के प्रतिबंधों का खुला उल्लंघन है। ब्रिटेन में तब के विदेश सचिव जेरेमी हंट ने अपने ईरानी समकक्ष से बातचीत में कहा था कि पकड़ा गया जहाज ग्रेस-1 लौटाया जा सकता है अगर उन्हें यह गारंटी मिले कि यह सीरिया नहीं जाएगा। यह मामला जिब्राल्टर की अदालत में है जहां टैंकर की जब्ती को 15 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है।

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