फेसबुक, गूगल और ट्विटर के आगे झुकी इमरान सरकार, पाकिस्तान छोड़ने की चेतावनी
फेसबुक गूगल और ट्विटर जैसी दुनिया की दिग्गज इंटरनेट कंपनियों ने इमरान सरकार को चेतावनी दी कि वे पाकिस्तान छोड़ सकती हैं।
मुंबई, न्यूयॉर्क टाइम्स। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार ने इसी माह इंटरनेट सेंसरशिप पर कड़े नियमों से पर्दा उठाया। इसमें प्रावधान किया गया है कि अगर फेसबुक, गूगल और ट्विटर जैसी दुनिया की दिग्गज इंटरनेट कंपनियां नियमों का पालन नहीं करेंगी तो सेवाएं बंद करने समेत उन्हें भारी जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। ये कंपनियां हालांकि झुकने की जगह एकजुट हो गई और इमरान सरकार को चेतावनी दी कि वे पाकिस्तान छोड़ सकती हैं। अगर ऐसा होता है तो पाकिस्तान के सात करोड़ यूजर डिजिटल सेवाओं से वंचित हो जाएंगे। इस चेतावनी के बाद इमरान सरकार ने नए नियमों पर पुनर्विचार करने का भरोसा दिया है।
एशिया इंटरनेट कोएलिशन (एआइसी) ने इस मसले पर प्रधानमंत्री इमरान खान को एक सख्त पत्र लिखा है। इसमें कंपनियों ने कहा है, 'नए नियमों के तहत एआइसी सदस्यों के लिए पाकिस्तानी यूजर्स और कारोबारों को सेवा मुहैया करना बेहद कठिन हो जाएगा।' 2010 में स्थापित एआइसी एक इंडस्ट्री एसोसिएशन है और फेसबुक, गूगल, ट्विटर, याहू, एपल, अमेजन और लिंकडिन जैसी इंटरनेट व टेक्नोलॉजी कंपनियां इसकी सदस्य हैं।
सिविल सोसायटीज में भी नाराजगी
इंटरनेट सेंसरशिप को लेकर पाकिस्तान के नागरिकों और सिविल सोसायटीज में भी नाराजगी है। मामला अदालतों में भी पहुंच गया है। इसके चलते दबाव में आई सरकार को अपने कदम पीछे खींचने पड़े हैं। अधिकारियों ने वादा किया कि नए नियमों की समीक्षा की जाएगी। सिविल सोसायटी और टेक्नोलॉजी कंपनियों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा।
डाटा सुरक्षा पर कोई कानून नहीं
इस्लामाबाद के इंटरनेट अधिकार संगठन 'बोलो भी' के निदेशक उसमा खिलजी ने कहा, पाकिस्तान में डाटा सुरक्षा पर कोई कानून नहीं है। इसलिए अंतरराष्ट्रीय इंटरनेट कंपनियां नए नियमों का पालन करने की इच्छुक नहीं हैं। पाकिस्तान में फेसबुक, टिकटॉक, वाट्सएप, यूट्यूब और ट्विटर बेहद लोकप्रिय हैं।
क्या है पाकिस्तान के नए कानून में
-सिटिजन प्रोटेक्शन (अगेंस्ट ऑनलाइन हार्म) रूल्स 2020 कानून में प्रावधान है कि सोशल मीडिया को ब्लाक किए गए कंटेंट को 24 घंटे के अंदर हटाना होगा
-आपत्तिजनक करार दिए गए लाइव स्ट्रीमिंग कंटेंट को भी तुरंत बंद करना होगा
-कंपनियों को इस्लामाबाद में अपना स्थायी दफ्तर खोलना और डाटा स्टोर करने के लिए देश में ही सर्वर भी स्थापित करना होगा