चीन से मुकाबले के लिए सीआइए में अब हो सकती है चीनी विशेषज्ञ की तैनाती, ब‌र्न्स ने दिए संकेत

एनपीआर को दिए एक विस्तृत इंटरव्यू में सीआइए के निदेशक विलियम ब‌र्न्स ने कहा कि अमेरिकी खुफिया सेवा को अब बीजिंग के साथ प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने के लिए चीनी विशेषज्ञों को तैनात करना पड़ सकता है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Publish:Fri, 23 Jul 2021 06:23 PM (IST) Updated:Fri, 23 Jul 2021 06:23 PM (IST)
चीन से मुकाबले के लिए सीआइए में अब हो सकती है चीनी विशेषज्ञ की तैनाती, ब‌र्न्स ने दिए संकेत
सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी सीआइए के निदेशक विलियम ब‌र्न्स की फाइल फोटो

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका की सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी सीआइए के निदेशक विलियम ब‌र्न्स ने भू-राजनीतिक क्षेत्र में अमेरिका की बादशाहत को लेकर बड़ा बयान दिया है। ब‌र्न्स ने कहा, 'अमेरिका को समझना होगा कि अब वो भौगोलिक और राजनीतिक क्षेत्र में अकेला नहीं है। उसे चीन की ताकत समझनी होगी।'

एनपीआर को दिए एक विस्तृत इंटरव्यू में सीआइए के निदेशक विलियम ब‌र्न्स ने कहा कि अमेरिकी खुफिया सेवा को अब बीजिंग के साथ प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने के लिए चीनी विशेषज्ञों को तैनात करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा, 'मैं चीन के विशेषज्ञों को आगे-तैनात करने के लिए अभी संभावनाएं तलाश कर रहा हूं। चाहे वह आपरेशनल अफसर, एक्सपर्ट, एनालिस्ट या टेक्नोलॉजिस्ट ही क्यों न हों। हमें प्रतिद्वंद्विता को और प्रभावी बनाने के लिए ऐसा करना होगा।' ब‌र्न्स ने कहा कि 21वीं सदी में चीन, अमेरिका के लिए सबसे बड़ी भू-राजनीतिक चुनौती है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी क्षेत्र दोनों देशों के बीच प्रतिस्पर्धा का सबसे बड़ा क्षेत्र है।

अफगानिस्तान में सेना की तैनाती के मुद्दे पर सीआइए के निदेशक ने कहा कि अमेरिका अभी भी अफगानिस्तान और उसके आसपास आतंकवादी संगठनों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की महत्वपूर्ण क्षमता रखता है। अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जाहिर करते हुए ब‌र्न्स ने कहा कि तालिबान शायद 2001 के बाद अभी सबसे मजबूत सैन्य स्थिति में है। भू-राजनीतिक ताकतों की बात करते हुए ब‌र्न्स ने रूस के व्यापक प्रभाव पर भी टिप्पणी की।

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