रोजाना अनगिनत Cyber Attack का सामना कर रहे हैं बैंकिंग संस्थान, अब ये बैंक हुआ शिकार

चारों ओर से मंडराते हैकिंग के खतरों से बचना संस्थानों के लिए होता है बड़ी चुनौती। छोटी सी खामी के चलते हैकिंग का शिकार हो गया अमेरिका का कैपिटल वन बैंक।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Wed, 07 Aug 2019 10:05 PM (IST) Updated:Wed, 07 Aug 2019 10:05 PM (IST)
रोजाना अनगिनत Cyber Attack का सामना कर रहे हैं बैंकिंग संस्थान, अब ये बैंक हुआ शिकार
रोजाना अनगिनत Cyber Attack का सामना कर रहे हैं बैंकिंग संस्थान, अब ये बैंक हुआ शिकार

वाशिंगटन, द न्यूयॉर्क टाइम्स। बढ़ते डिजिटलाइजेशन के साथ साइबर हमले दुनियाभर के लिए चिंता का कारण बने हुए हैं। बड़ी बैंकिंग और वित्तीय कंपनियों को भी हर दिन हजारों साइबर हमले झेलने पड़ते हैं। इन हजारों कोशिशों में से कभी-कभार कोई हैकर सफल भी हो जाता है और डाटा में सेंध लगा देता है।

हाल ही में अमेरिका का कैपिटल वन बैंक साइबर हमले की चपेट में आया था। इसमें आरोपित ने बैंक के 10 करोड़ से ज्यादा लोगों की व्यक्तिगत सूचनाएं चुरा ली थीं। इस बैंक को अमेरिका के सबसे बड़े बैंकों में शुमार किया जाता है। ज्यादातर मामलों में हैकर साइबर हमले या तो किसी को व्यक्तिगत रूप से परेशान करने के लिए करते हैं या फिर खुफिया सूचनाओं को चुराकर उन्हें बड़े दामों पर बेच देते हैं।

ऐसे में किसी भी देश के लिए अपने खुफिया तंत्र को बचाना एक बड़ी चुनौती है। किसी भी तंत्र को हैक करने के लिए हैकरों को उसकी सबसे कमजोर कड़ी का पता लगाने की जरूरत होती है और कुछ मामलों में वह उसका पता लगा लेते हैं। आंकड़ों के मुताबिक, अमेरिका में इस वर्ष अब तक वित्तीय संस्थानों पर 3,494 साइबर हमले हो चुके हैं।

अमेरिका के संघीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने बताया कि सिएटल में अमेजन के लिए काम करने वाली एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर पेज थॉमसन ने कैपिटल वन के डाटा में सेंध लगाई थी। उसने यह पता लगा लिया था कि कैपिटल वन अपने कंप्यूटर नेटवर्क के लिए किस सिक्योरिटी सॉफ्टवेयर का उपयोग करता है। इसके बाद थॉमसन ने क्रेडिट कार्ड एप्लीकेशन समेत हजारों उपभोक्ताओं की व्यक्तिगत सूचनाओं को डाउनलोड कर लिया था।

छोटी सी गलती भी पड़ती है भारी

साइबर सिक्योरिटी के लिए काम करने वाली संस्था एफएआइआर इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष जैक जोंस ने कहा कि साइबर सिक्योरिटी के क्षेत्र में एक छोटी सी गलती भी बड़ी बन जाती है। लेकिन सच यह भी है कि कई बार बड़े मामलों में छोटी गलतियां हो भी जाती हैं।

हर बड़े संस्थान पर कई ओर से खतरा मंडराता रहता है। ऐसे में यह तय कर पाना मुश्किल होता है कि सबसे ज्यादा जरूरी क्या है। इसी उधेड़बुन में कहीं-कहीं किसी मोर्चे पर खामी रह जाती है।

उदाहरण के लिए पेमेंट सेवा देने वाली कंपनी मास्टरकार्ड की सुरक्षा को भेदने के लिए हैकर दिन में करीब चार लाख 60 हजार बार प्रयास करते हैं, पर सफल नहीं हो पाते। कैपिटल वन बैंक पर हुआ साइबर हमला बड़े वित्तीय संस्थानों के लिए चेतावनी है। इससे सीख लेकर संस्थान भविष्य में ऐसे खतरों से बच सकते हैं।

हैंकिंग के कई रास्ते हैं

कुछ मामलों में हैकर संस्थान में काम करने वाले कर्मचारियों के कमजोर पासवर्ड का लाभ उठाकर नेटवर्क को हैक कर लेते हैं। कभी-कभी ईमेल भेजकर भी नेटवर्क में सेंध लगाई जाती है।

सॉफ्टवेयर अपडेट नहीं होना भी हैकर्स का रास्ता आसान कर देता है। कभी-कभी कुछ घंटे की मेहनत में ही हैकर सेंध लगा देते हैं, तो कभी इसमें महीनों का वक्त लग जाता है। इसलिए सुरक्षित रहने के लिए जरूरी है कि संस्थान छोटी-बड़ी हर बात पर ध्यान दें।

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