West Bengal Politics: मुकुल रॉय पर भाजपा के साथ तृणमूल भी लगा रही दाव
अगले वर्ष बंगाल के विधानसभा चुनाव में मुकुल रॉय की होगी अहम भूमिका पिछले कुछ दिनों से रॉय के तृणमूल कांग्रेस में लौटने की है जोरों पर चर्चा
कोलकाता, राज्य ब्यूरो। पश्चिम बंगाल में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होना है और पार्टी राज्य की सत्ता पर कब्जा करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रही है। माना जा रहा है कि इसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय की भूमिका बड़ी होगी। लेकिन पिछले कई दिनों से इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं कि बाकी नेताओं की तरह मुकुल रॉय भी एक बार फिर तृणमूल कांग्रेस में वापस जाना चाहते हैं। यूं कहें तो रॉय पर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी और भाजपा दोनों ने दाव लगाना शुरू कर दिया है।
प्रदेश भाजपा के सूत्रों के अनुसार पार्टी में बड़े फेरबदल की संभावना बनी हुई है। विधानसभा चुनाव से पहले मुकुल रॉय का कद बढ़ाया जा सकता है। प्रदेश अध्यक्ष तो नहीं लेकिन पार्टी में चुनाव प्रबंधन के साथ-साथ बड़ी सांगठनिक जिम्मेदारी मुकुल रॉय को मिलेगी। लेकिन इसके साथ ही मुकुल रॉय के तृणमूल कांग्रेस में लौटने की चर्चा भी जोरों पर है। खबर आई थी कि उन्होंने पार्टी के शीर्ष नेताओं के साथ बैठक भी की है।इसके बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने भी कटाक्ष करते हुए कहा था कि कोरोना की वजह से मुकुल राय पार्टी से दूरी बना कर रखें है। लेकिन बाद में मुकुल ने प्रेस कांफ्रेंस कर सफाई दी थी और कहा था कि वह भाजपा में हैं और खुश हैं, किसी और पार्टी में जाने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। अब एक बार फिर इन कयासों को बल मिलने लगा है।
इसकी वजह यह है कि सारधा चिटफंड घोटाला मामले में आरोपित और तृणमूल कांग्रेस के नवनियुक्त प्रवक्ता कुणाल घोष ने भी दावा किया है कि मुकुल रॉय ने तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से वापसी के लिए संपर्क साधा है। उन्होंने कहा है कि राय की वापसी के संबंध में शीर्ष नेतृत्व विचार-विमर्श कर रहा है।
उन्होंने मुकुल रॉय को चुनौती देते हुए कहा कि वह अपनी पोती के सर पर हाथ रखकर नहीं कह सकते कि उन्होंने तृणमूल में वापसी के लिए पार्टी नेताओं से संपर्क नहीं साधा है। हालांकि रॉय से इस बारे में संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता के दावे पर जवाब देना जरूरी नहीं है। तृणमूल नेताओं के साथ अपनी बैठक को लेकर भी उन्होंने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि ऐसी कोई बैठक नहीं हुई है। वही इजी टारगेट हैं इसलिए तृणमूल कांग्रेस के नेता उन्हें लेकर राजनीति कर रहे हैं।