West bengal politics : पूर्व मंत्री देवेश दास ने टीम पीके के तृणमूल में शामिल होने के प्रस्ताव को किया खारिज

West bengal politics माकपा नेता व पूर्व मंत्री ने प्रशांत किशोर की टीम को करारा जवाब दिया। कहा लोगों को खरीद सकते हैंलेकिन आदर्शों को नहीं खरीदा जा सकता।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Sat, 29 Aug 2020 08:23 PM (IST) Updated:Sat, 29 Aug 2020 08:23 PM (IST)
West bengal politics : पूर्व मंत्री देवेश दास ने टीम पीके के तृणमूल  में शामिल होने के प्रस्ताव को किया खारिज
West bengal politics : पूर्व मंत्री देवेश दास ने टीम पीके के तृणमूल में शामिल होने के प्रस्ताव को किया खारिज

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस को आगामी वर्ष विधानसभा चुनाव में सत्ता पर तीसरी बार काबिज कराने के लिए रणनीति तैयार करने में जुटे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर (पीके) और उनकी टीम को एक बार फिर निराशा हाथ लगी। उनकी टीम के सदस्यों को सुनना पड़ा कि 'लोगों को खरीदा जा सकता है, लेकिन आदर्शों को नहीं खरीदा जा सकता है।'

असल में तृणमूल के लिए पीके की टीम ईमानदार व स्वच्छ छवि वाले नेताओं को तलाश रही है। चाहे व किसी भी दल में क्यों न हो उसे तोड़ने की कोशिश की जा रही है। इसी कड़ी में उनकी टीम ने राज्य के माकपा नेता व पूर्व मंत्री देवेश दास से संपर्क कर उन्हें तृणमूल में शामिल होने का प्रस्ताव दिया, जिसे एक ही झटके में उन्होंने खारिज कर दिया।

वामपंथी नेताओं को तृणमूल में शामिल होने की पेशकश की थी 

पिछले कुछ समय से पीके की टीम राज्य के ईमानदार व स्वच्छ छवि वाले वामपंथी नेताओं पर डोरे डाल रहे हैं। इससे पहले प्रशांत किशोर की टीम ने उत्तर बंगाल में कई सक्रिय और निष्क्रिय वामपंथी नेताओं को तृणमूल में शामिल होने की पेशकश की थी। पूर्व माकपा विधायक लक्ष्मीकांत रॉय और जलपाईगुड़ी के पूर्व सांसद महेंद्र कुमार रॉय जैसे वाम नेताओं को प्रस्ताव दिया था। परंतु, उन लोगों ने अस्वीकार कर दिया था। इस बार पीके की टीम की ओर से राज्य के पूर्व आइटी मंत्री और जादवपुर विश्वविद्यालय में प्रोफेसर देवेश दास को फोन कर उन्हें सत्तारूढ़ तृणमूल में शामिल होने की पेशकश की गई। देवेश दास से मिलने के लिए समय भी मांगा गया था। 

स्वच्छ छवि, लोगों में ग्रहणयोग्य व ईमानदार नेता की आवश्यकता

पूर्व मंत्री ने दावा किया कि उन्हें तृणमूल के राजनीतिक सलाहकार प्रशांत किशोर की टीम की ओर से बुलाया गया था। उन्हें फोन पर कहा गया कि हमें आपकी तरह एक स्वच्छ छवि, लोगों में ग्रहणयोग्य व ईमानदार नेता की आवश्यकता है। लेकिन वामपंथी विचारधारा को मानने वाले देवेश दास ने स्पष्ट रूप से उस प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि 'लोगों को खरीदा जा सकता है, लेकिन आदर्शों को नहीं खरीदा जा सकता है।' जिस विचारधारा में हम विश्वास करते हैं, उसमें आपके प्रस्ताव का जवाब देना मेरे लिए संभव नहीं है। इसलिए मुलाकात में कोई फायदा होता नहीं दिख रहा। भविष्य में मुझे परेशान न करना बेहतर होगा।

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