राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाने के मुद्दे पर अगले हफ्ते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिलेगा तृणमूल प्रतिनिधिदल
राजभवन और बंगाल सरकार के बीच लगातार जारी टकराव के बीच अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल पद से जगदीप धनखड़ को हटाने की मांग को लेकर अगले हफ्ते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता : राजभवन और बंगाल सरकार के बीच लगातार जारी टकराव के बीच अब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) का एक संसदीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल पद से जगदीप धनखड़ को हटाने की मांग को लेकर अगले हफ्ते राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा। तृणमूल प्रतिनिधिमंडल के साथ मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी रह सकती हैं। तृणमूल के सूत्रों ने शनिवार को यह जानकारी दी है।
टीएमसी के वरिष्ठ सांसद व प्रवक्ता सौगत राय ने इस बारे में पूछे जाने पर जागरण को बताया कि राज्यपाल को हटाने के मुद्दे पर मुलाकात के लिए राष्ट्रपति से समय मांगा गया है। उन्होंने बताया कि उम्मीद है कि राष्ट्रपति भवन की ओर से समय मिलने के बाद अगले हफ्ते तृणमूल का संसदीय प्रतिनिधिमंडल उनसे मुलाकात करेगा। हालांकि इस दौरान ममता बनर्जी के भी मौजूद रहने के सवाल पर उन्होंने कहा कि यह अभी तय नहीं है। दूसरी ओर, राज्य में चुनाव के बाद शुक्रवार से शुरू हुए विधानसभा के पहले सत्र में राज्यपाल को हटाने को लेकर तृणमूल एक प्रस्ताव भी ला सकती है।
गौरतलब है कि प्रचंड बहुमत के साथ लगातार तीसरी बार सत्ता में आई ममता सरकार के खिलाफ लगातार बयानबाजी को लेकर तृणमूल कांग्रेस के नेता राज्यपाल के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। हाल में ममता ने हवाला जैन केस से राज्यपाल का नाम जुड़े होने का आरोप लगाते हुए उन्हें भ्रष्ट आदमी तक कहा था।साथ ही राज्यपाल पर बंगाल के विभाजन के षड्यंत्र में शामिल होने का भी आरोप लगाया था। इसके बाद तनातनी और बढ़ गई।हालांकि राज्यपाल ने इन आरोपों को खारिज किया था।
ममता ने यह भी दावा किया कि धनखड़ को राज्यपाल पद से हटाने के लिए वह अब तक तीन पत्र केंद्र सरकार को भेज चुकी हैं। इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के सांसदों की ओर से भी धनखड़ को हटाने के लिए राष्ट्रपति को पत्र लिखा जा चुका है। गौरतलब है कि जुलाई 2019 में बंगाल के राज्यपाल का पदभार संभालने के बाद से ही धनखड़ और ममता सरकार के बीच बेहद तल्ख रिश्ते हैं। हिंसा सहित विभिन्न मुद्दों पर राज्यपाल लगातार ममता सरकार के खिलाफ मुखर रहे हैं।