शिक्षकों की नियुक्ति में हुए जबरदस्‍त घोटाले, तभी ताबड़तोड़ सीबीआइ जांच का दिया आदेश : न्यायाधीश गंगोपाध्याय

न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने कहा कि न्यायधीश क्या कर सकते हैं और कितनी दूर तक जा सकते हैं यह कानून में स्पष्ट है। न्याय व्यवस्था पर उनकी पूरी आस्था है। न्यायाधीशों को भी बोलने की आजादी है। वे बंगाल में हुए शिक्षक नियुक्ति घोटाला मामले पर बोल रहे थे।

By Sumita JaiswalEdited By: Publish:Tue, 20 Sep 2022 06:11 PM (IST) Updated:Tue, 20 Sep 2022 06:11 PM (IST)
शिक्षकों की नियुक्ति में हुए जबरदस्‍त घोटाले, तभी ताबड़तोड़ सीबीआइ जांच का दिया आदेश :  न्यायाधीश गंगोपाध्याय
कलकत्‍ता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्‍याय की फाइल फोटो।

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। कलकत्ता हाई कोर्ट के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने कहा कि बंगाल में शिक्षकों की नियुक्ति में जिस तरह जबर्दस्त घोटाले हुए हैं, उसे देखते हुए उन्हें इन मामलों की ताबड़तोड़ सीबीआइ जांच का आदेश देना पड़ा। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि जिनकी भी गैरकानूनी तरीके से नियुक्ति हुई है, पकड़े जाने पर उन सभी को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा। ऐसे शिक्षक क्या सिखाएंगे, उल्टे स्कूल में नकल करने में मदद करेंगे। एक समाचार चैनल को दिए गए साक्षात्कार में न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी द्वारा पिछले दिनों न्याय व्यवस्था के बारे में की गई टिप्पणी पर भी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि भविष्य में इसकी पुनरावृत्ति होने पर वे सख्त कदम उठाएंगे।

गौरतलब है कि अभिषेक ने न्यायाधीशों के एक वर्ग के भाजपा के पक्ष में होने की बात कही थी। न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने कहा कि न्यायधीश क्या कर सकते हैं और कितनी दूर तक जा सकते हैं, यह कानून में स्पष्ट है। न्याय व्यवस्था पर उनकी पूरी आस्था है। न्यायाधीशों को भी बोलने की आजादी है। न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने कहा कि बाद में हो सकता है कि उनकी जान ले ली जाए लेकिन न्याय व्यवस्था का अपमान वे सहन नहीं करेंगे। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एक कार्यक्रम में मुलाकात के बारे में न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने कहा कि उनका व्यवहार अत्यंत शालीन था। उन्होंने कहा था कि आप अपना काम करते रहिए। भविष्य में राजनीति में कदम रखने के बारे में पूछे जाने पर न्यायाधीश गंगोपाध्याय ने कहा कि अभी कोई फैसला नहीं किया है। वैसे भी राजनीति हर समय पार्टीगत राजनीति हो, ऐसी बात नहीं है। मोहल्ले के मोड़ पर खड़े होकर भी राजनीति की बात कही जा सकती है।

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