West Bengal: राज्यपाल धनखड़ ने कहा, डब्ल्यूबीएसयू के दीक्षा समारोह में कुलाधिपति के तौर पर करूंगा अध्यक्षता

WBSU initiation ceremony पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ अध्यक्षता करेंगे।

By Babita kashyapEdited By: Publish:Mon, 24 Feb 2020 01:18 PM (IST) Updated:Mon, 24 Feb 2020 01:18 PM (IST)
West Bengal:  राज्यपाल धनखड़ ने कहा, डब्ल्यूबीएसयू के दीक्षा समारोह में कुलाधिपति के तौर पर करूंगा अध्यक्षता
West Bengal: राज्यपाल धनखड़ ने कहा, डब्ल्यूबीएसयू के दीक्षा समारोह में कुलाधिपति के तौर पर करूंगा अध्यक्षता

कोलकाता, राज्य ब्यूरो। राज्य के दो प्रमुख विश्वविद्यालयों के वार्षिक दीक्षा समारोह में हिस्सा लेने से रोके जाने के बाद बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा कि वह पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय (डब्ल्यूबीएसयू) के दीक्षा समारोह की कुलाधिपति के तौर पर अध्यक्षता करेंगे। धनखड़ राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति हैं। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर वह कुलपति और संकाय सदस्यों के साथ डब्ल्यूबीएसयू के प्रदर्शन में सुधार के तरीकों पर चर्चा करेंगे। 

धनखड़ ने ट्वीट किया-25 फरवरी को पश्चिम बंगाल राज्य विश्वविद्यालय के दीक्षा समारोह में कुलाधिपति के तौर पर अध्यक्षता करूंगा। 2008 में विश्वविद्यालय के शुरू होने के बाद पहली बार यहां दीक्षा समारोह हो रहा है। इस अवसर का इस्तेमाल कुलपति और विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों से चर्चा के लिए करूंगा कि कैसे विश्वविद्यालय में सुधार किया जा सकता है।' उल्लेखनीय है कि हाल में राज्यपाल को जादवपुर विश्वविद्यालय और कलकत्ता विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षा समारोह में छात्रों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था, जिसके कारण उन्हें समारोह स्थल से वापस लौटना पड़ा था। 

इसके अलावा पिछले सप्ताह कूचबिहार के पंचानन वर्मा विश्वविद्यालय के वार्षिक दीक्षा समारोह में आमंत्रित नहीं किए जाने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी जताई थी। धनखड़ ने इसके लिए कूचबिहार विश्वविद्यालय के कुलपति देवकुमार मुखोपाध्याय को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया है और पूछा है कि नियमों के अनुपालन में विफल रहने के कारण उन्हें पद से क्यों नहीं हटाया जाना चाहिए।

 गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के जगदीप धनखड़ ने जुलाई माह में राज्यपाल के पद की शपथ ली थी। इसके बाद से ही विभिन्न मुद्दों को लेकर इस राज्य में तनाव चलता रहा था। राज्य पाल ने कई बार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बैठक करने की भी कोशिश की लेकिन उस पर भी ध्यान नहीं दिया गया लेकिन काफी प्रयास के बाद मुख्यमंत्री और राज्यपाल धनखड़ की वार्ता हो पायी। 

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