सोदपुर रेलवे पर यात्रियों का तांडव

जागरण संवाददाता, कोलकाता : सोदपुर रेलवे स्टेशन पर राणाघाट गेलोपिंग लोकल के रुकने की गलत घोषणा को लेकर यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने स्टेशन प्रबंधक के कक्ष में जमकर तोड़फोड़ की। ट्रेन की समय सारिणी दर्शाने वाले डिस्प्ले बोर्ड में भी आग लगाने का प्रयास किया। पथराव भी किया, जिसमें स्टेशन प्रबंधक जख्मी हो गए। यात्रियों ने कार्यालय में रखे जरुरी कागजात व फर्नीचर आदि ट्रैक पर रखकर उनमें आग लगा दी। करीब तीन घंटे बाद प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर ट्रैक खाली करवाया गया। इसके बाद ट्रेन संचालन सामान्य हो सका। जागरण संवाददाता, कोलकाता : सोदपुर रेलवे स्टेशन पर राणाघाट गेला

By JagranEdited By: Publish:Sun, 09 Sep 2018 04:00 PM (IST) Updated:Sun, 09 Sep 2018 04:00 PM (IST)
सोदपुर रेलवे पर यात्रियों का तांडव
सोदपुर रेलवे पर यात्रियों का तांडव

जागरण संवाददाता, कोलकाता : सोदपुर रेलवे स्टेशन पर राणाघाट गेलोपिंग लोकल के रुकने की गलत घोषणा को लेकर यात्रियों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने स्टेशन प्रबंधक के कक्ष में जमकर तोड़फोड़ की। ट्रेन की समय सारिणी दर्शाने वाले डिस्प्ले बोर्ड में भी आग लगाने का प्रयास किया। पथराव भी किया, जिसमें स्टेशन प्रबंधक जख्मी हो गए। यात्रियों ने कार्यालय में रखे जरुरी कागजात व फर्नीचर आदि ट्रैक पर रखकर उनमें आग लगा दी। करीब तीन घंटे बाद प्रदर्शनकारियों को समझा-बुझाकर ट्रैक खाली करवाया गया। इसके बाद ट्रेन संचालन सामान्य हो सका। प्रदर्शन के चलते 20 लोकल ट्रेनों को रद कर दिया गया जबकि कई ट्रेनें बीच रास्ते में ही फंसी रहीं। गौरतलब है कि बैरकपुर और ईच्छापुर के बीच ऑटो सिग्नलिंग सिस्टम को अपडेट करने के लिए 7 से 10 सितंबर तक नॉन इंटरलॉकिंग का काम चल रहा है, जिसके चलते इन चार दिनों मेन लाइन की 158 लोकल ट्रेनों को रद रखा गया है। ट्रेनें नहीं चलने से पहले से ही यात्रियों में पनप रहे आक्रोश को गलत घोषणा ने आग दे दी। शनिवार सुबह करीब पौने 10 बजे सोदपुर स्टेशन में राणाघाट गेलोपिंग लोकल के रुकने की घोषणा की गई लेकिन ग्रीन सिग्नल मिलने की वजह से ट्रेन वहां न रुककर निकल गई। इससे गुस्साए यात्रियों ने स्टेशन प्रबंधक के कक्ष में तोड़फोड़ शुरू कर दी। अंदर घुसकर फर्नीचर को भी तोड़ दिया। डिस्प्ले बोर्ड में भी आग लगाने की कोशिश की गई। भीड़ के गुस्से को देखते हुए स्टेशन पर मौजूद रेलवे कर्मचारी जान बचाकर भाग निकले। पत्थर लगने से स्टेशन प्रबंधक का सिर फट गया। इसके बाद भीड़ ने रेलवे के कागजात व फर्नीचर आदि को ट्रैक पर रखकर आग लगाकर ट्रेन संचालन बाधित कर दिया। रेल प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। सूचना के बावजूद करीब 2 घंटे तक रेल पुलिस के नहीं पहुंचने पर ट्रेनों की प्रतीक्षा कर रहे अन्य यात्री प्रदर्शनकारियों के विरोध में उतर आए। ट्रैक खाली करने को लेकर दोनों पक्षों में झड़प हुई। बाद में आरपीएफ व जीआरपी के साथ पहुंची जिला पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया। रेल अफसरों ने सिग्नलिंग कार्य चलने तक गेलोपिंग ट्रेनों के सभी स्टेशनों में ठहरने का आश्वासन देकर दोपहर करीब साढ़े 12 बजे प्रदर्शनकारियों से ट्रैक को खाली करवाया। इसके बाद ट्रेन संचालन सामान्य हो सका। इस बीच रेल प्रशासन ने सफाई दी कि गलत घोषणा नहीं बल्कि ट्रेनों के देरी से चलने पर कुछ यात्रियों ने प्रदर्शन किया था। रेलवे ने घटना की जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है। प्रदर्शन के चलते मेन लाइन की 20 लोकल ट्रेनों को रद कर दिया गया जबकि 24 लोकल, 3 पैसेंजर तथा एक एक्सप्रेस ट्रेन घंटों बीच रास्ते में फंसी रहीं। ऑफिस टाइम पर ट्रेनों का संचालन ठप होने से शनिवार को ड्यूटी पर जाने वाले लोगों को परेशानी से जूझना पड़ा।

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