पुलिसकर्मी पिता अपनी लड़की पर दे रहे थे आइपीएस बनने का दबाव, 10 वीं मंजिल से कूदकर की खुदकुशी

KOLKATA Crime किशोरी ने सुसाइड नोट में लिखा- लगातार पढ़ाई के दबाव से वह अवसाद ग्रस्त हो गई है। 13 वर्षीय लड़की कोलकाता के अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में सातवीं की छात्रा थी।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Wed, 16 Sep 2020 08:14 PM (IST) Updated:Wed, 16 Sep 2020 08:48 PM (IST)
पुलिसकर्मी पिता अपनी लड़की पर दे रहे थे आइपीएस बनने का दबाव, 10 वीं मंजिल से कूदकर की खुदकुशी
पुलिसकर्मी पिता अपनी लड़की पर दे रहे थे आइपीएस बनने का दबाव, 10 वीं मंजिल से कूदकर की खुदकुशी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : कोलकाता पुलिस के एक सहायक पुलिस उप निरीक्षक (एएसआइ) अपनी 13 साल की लड़की को शुरू से ही आइपीएस बनने के लिए दबाव दे रहे थे। इसलिए दिन-रात उस पर पढ़ाई का दबाव था। आखिरकार पिता के दबाव और सपने का शिकार एक छोटी किशोरी हो गई। दबाव लेने में असमर्थ 13 वर्षीय लड़की ने 10 वीं मंजिल से कूदकर खुदकुशी कर ली। किशोरी ने सुसाइड नोट में लिखा है कि लगातार पढ़ाई के दबाव से वह अवसाद ग्रस्त हो गई है तथा उसे दुख है कि वह आइपीएस नहीं बन पाएगी। इसलिए वह दुनिया से जा रही है। 

सरकारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ले जाया गया 

मध्य कोलकाता स्थित अम्हर्स्ट स्ट्रीट इलाके के एक अपार्टमेंट की 10वीं मंजिल से अद्रिजा मंडल नामक किशोरी ने मंगलवार दोपहर को छलांग लगा दी, उसे गंभीर हालत में सरकारी नीलरतन सरकार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

कोलकाता के एक सहायक पुलिस उप निरीक्षक की बेटी थी

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि मृतका कोलकाता पुलिस के एक सहायक पुलिस उप निरीक्षक की बेटी थी और वह कोलकाता के अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में सातवीं कक्षा की छात्रा थी। उन्होंने कहा कि कथित तौर पर किशोरी का लिखा एक संक्षिप्त पत्र उसके कमरे से मिला है। 

सुसाइड नोट में लिखा-तो दुनिया अलविदा कर चुकी होंगी

सुसाइड नोट में किशोरी ने लिखा है कि जब तक यह पत्र आप लोगों को मिलेगा तब तक मैं इस दुनिया को अलविदा कर चुकी होंगी। मैं इस दुनिया को छोड़ कर जा रही हूं। मुझे दुख है कि मैं आइपीएस नहीं बन पाऊंगी। पत्र से पता चलता है कि वह कुछ समय से अवसाद में थी। 

पुलिस ने कहा-शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है

पुलिस अधिकारी ने कहा कि हम उसके पिता और परिवार के अन्य सदस्यों से भी बात करके यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उसने ऐसा कदम क्यों उठाया?'' शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है।

माताएं बच्चों के साथ रखें दोस्ताना संबंध: मनोचिकित्सक

कोलकाता की मशहूर मनोचिकित्सक डॉ पल्लवी मुखोपाध्याय का इस घटना के बारे में कहना है कि घर के माहौल के कारण संभवतया किशोरी अवसाद ग्रस्त हो गई थी। ज्यादातर घरों में पिता सख्ती बरतते हैं तो माताओं को हमेशा बच्चों के साथ दोस्ताना संबंध  रखना चाहिए। इससे बच्चोंं का आत्मविश्वास बढ़ता  है। 

बच्चों पर कभी अतिरिक्त पढ़ाई का दबाव नहीं देना चाहिए

इसके अलावा बच्चों पर कभी भी अतिरिक्त पढ़ाई का दबाव नहीं देना चाहिए। उन्हें मनोरंजन के लिए समय देना भी बहुत जरूरी है। उनके मनोरंजन में माताओं को भागीदार भी बनना चाहिए। ज्यादातर मामलों में जब बच्चों को माता-पिता दोनों से निराशा मिलती है तभी वह ऐसे घातक कदम उठाते हैं।

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