West Bengal: पीएम मोदी ने बेलूर मठ से सीएए को लेकर हो रहे विरोध का दिया जवाब

PM Narendra Modi Says In Belur Math. पीएम मोगी ने कहा कि सीएए नागरिकता देने के लिए है न कि लेने के लिए। इस कानून को रातों-रात नहीं बल्कि सोच विचार कर बनाया गया है।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sun, 12 Jan 2020 06:10 PM (IST) Updated:Sun, 12 Jan 2020 06:10 PM (IST)
West Bengal: पीएम मोदी ने बेलूर मठ से सीएए को लेकर हो रहे विरोध का दिया जवाब
West Bengal: पीएम मोदी ने बेलूर मठ से सीएए को लेकर हो रहे विरोध का दिया जवाब

हावड़ा, जागरण संवाददाता। PM Narendra Modi Says In Belur Math. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बंगाल में चल रहे भारी विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हावड़ा स्थित रामकृष्ण मिशन मुख्यालय बेलूर मठ से सीएए को लेकर अपना रुख स्पष्ट किया। बिना नाम लिए ममता बनर्जी सहित विपक्षी नेताओं पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह कानून नागरिकता देने के लिए है, न कि लेने के लिए। इस कानून को रातों-रात नहीं बल्कि सोच विचार कर बनाया गया है, लेकिन कुछ राजनीतिक दल इसे जानबूझकर समझना नहीं चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस पर पैदा हुए विवाद ने दुनिया को पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के दमन की हकीकत दिखा दी है।

बेलूर मठ को अपना 'घर' बताते हुए पीएम ने कहा, नागरिकता संशोधन कानून को लेकर युवाओं में बड़ी चर्चा है। बहुत से सवाल युवाओं के मन में भर दिए गए हैं। बहुत से युवा अफवाहों के शिकार हुए हैं। ऐसे युवाओं को समझाना और संतुष्ट करना हम सबकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद युवाओं से संवाद करते हुए पूछा कि क्या सीएए गलत है? जब किसी को नागरिकता दी जाएगी किसी का छीना नहीं जाएगा तो फिर गलत क्यों? इस पर कई बार भीड़ ने जोरदार ताली बजा कर समर्थन किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भ्रम फैला रहे हैं।

गांधी के विचारों को कर रहे लागू

पीएम ने कहा कि सीएए लाकर हमने वही किया है जो गांधी जी कहकर गए थे। उन्होंने कहा कि यह दूसरे देशों में प्रताड़ित लोगों को नागरिकता देने का कानून है, लेने का नहीं।

नॉर्थ ईस्ट पर असर नहीं पड़ेगा

प्रधानमंत्री ने कहा कि नॉर्थ ईस्ट हमारा गर्व है, वहां की संस्कृति, रीति-रिवाज, जनसंख्या पर सीएए का कोई विपरीत प्रभाव न पड़े, इसका पूरा ख्याल केंद्र सरकार ने रखा है।

दूसरे देश का कोई भी नागरिक नागरिकता ले सकता है

उन्होंने कहा, हम सभी को यह पता होना चाहिए कि दुनिया के किसी भी देश का, किसी भी धर्म का व्यक्ति जो भारत और उसके संविधान में यकीन रखता है, वह उचित प्रक्रिया के माध्यम से भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकता है। इसमें कोई समस्या नहीं है। नागरिकता संशोधन कानून केवल पहले से मौजूद कानून में केवल एक संशोधन है। इसमें बंटवारे की वजह से जिन लोगों को संकटों का सामना करना पड़ा, उन्हें पूज्य महात्मा गांधी से लेकर तब के दिग्गज नेताओं का यही कहना था कि भारत को ऐसे लोगों को नागरिकता देनी चाहिए जिन पर धर्म की वजह से अत्याचार किया जा रहा है।

मोदी ने कहा, राष्ट्रीय युवा दिवस पर देश और पश्चिम बंगाल और नॉर्थ ईस्ट के युवाओं से इस पवित्र भूमि से कहना चाहता हूं कि नागरिकता देने के लिए हमने कोई रातों-रात कानून नहीं बनाया है। स्वामी विवेकानंद के जन्मदिन राष्ट्रीय युवा दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता के बेलूर मठ रात गुजारी। इसके बाद सुबह सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि यह लोगों के लिए तीर्थयात्रा की तरह है लेकिन उनके लिए 'घर' आने जैसा ही है। प्रधानमंत्री ने स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि भी दी।

जनसेवा का मिला रास्ता

प्रधानमंत्री ने कहा कि बेलूर मठ से ही मुझे जनसेवा का रास्ता मिला था और अब मैं 130 करोड़ भारतीयों की सेवा का कर्तव्य निभा रहा हूं। रामकृष्ण मिशन मुझे हमेशा रास्ता दिखाता रहेगा।

बेलूर मठ में मां का प्यार

मोदी ने कहा कि हममें से ज्यादातर लोग बेलूर मठ में खिंचे चले आते हैं। विवेकानंद की वाणी और उनका व्यक्ति हमें यहां तक खींचकर ले आता है। इस भूमि पर आने के बाद मां शारदा देवी का आंचल यहां बस जाने के लिए एक मां का प्यार देता है।

युवा जोश से बदलेगा भारत

स्वामी विवेकानंद जी की वह बात हमें हमेशा याद रखनी होगी जब वह कहते थे कि अगर मुझे सौ ऊर्जावान युवा मिल जाएं, तो मैं भारत को बदल दूंगा। यानि परिवर्तन के लिए हमारी ऊर्जा, कुछ करने का जोश ही आवश्यक है। स्वामी विवेकानंद सिर्फ व्यक्ति नहीं बल्कि जीवनधारा, जीवनशैली हैं। आज युवाओं को यह मानना चाहिए कि हम कभी अकेले नहीं होते हैं। ईश्वर हमेशा हमारे साथ रहता है। इसकी सीख हमें स्वामी जी ने दी थी। उन्होंने कहा कि युवा जोश, युवा ऊर्जा ही 21वीं सदी के इस दशक में भारत को बदलने का आधार है। नए भारत का संकल्प, आपके द्वारा ही पूरा किया जाना है। ये युवा सोच ही है जो कहती है कि समस्याओं को टालो नहीं, उनसे टकराओ, उन्हें सुलझाओ। मुझे खुशी है कि आज का युवा ही भटके लोगों का भ्रम भी दूर कर रहा है।

पीएम के बयान से रामकृष्ण मिशन व मठ ने किया खुद को अलग

पीएम के परिसर छोड़ते ही रामकृष्ण मिशन और मठ ने सीएए पर प्रधानमंत्री के बयान से दूरी बना ली और कहा कि वह एकदम गैर राजनीतिक निकाय है जो 'क्षणिक' आह्वानों पर जवाब नहीं देता। बेलूर मठ से अपने संबोधन में पीएम ने कहा था कि नया कानून किसी की नागरिकता नहीं लेगा। उन्होंने यह भी कहा था कि युवाओं के एक वर्ग को संशोधित नागरिकता कानून के बारे में गुमराह किया गया है।

रामकृष्ण मिशन व मठ के महासचिव स्वामी सुविरानंद ने कहा,'यह संगठन सीएए पर प्रधानमंत्री के भाषण पर कोई टिप्पणी नहीं करेगा। हम बिल्कुल गैर राजनीतिक संगठन है। हम सनातन आह्वानों का जवाब देने के लिए अपना घर छोड़कर यहां आए हैं। हम क्षणिक आह्वानों का जवाब नहीं देते। उन्होंने कहा कि मिशन समावेशिता में विश्वास करता है। उन्होंने कहा,'हम समावेशी संगठन हैं जिसमें हिंदू, मुस्लिम और ईसाई समुदायों के संत हैं। हम एक ही माता पिता की संतान की भांति रहते हैं।' स्वामी सुविरानंद ने कहा,'हमारे लिए,नरेंद्र मोदी भारत के नेता हैं और ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की नेता हैं।'

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