बंगाल में पर्याप्त बसों के न चलने से मुश्किल झेल रहे लोग, कोलकाता के कई इलाकों में ट्रैफिक जाम

बंगाल में अधिकतर निजी बसों के सड़कों से दूर रहने से लॉकडाउन में ढील के बाद काम पर जाने वाले लोगों को थोड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 02 Jun 2020 08:24 PM (IST) Updated:Tue, 02 Jun 2020 08:24 PM (IST)
बंगाल में पर्याप्त बसों के न चलने से मुश्किल झेल रहे लोग, कोलकाता के कई इलाकों में ट्रैफिक जाम
बंगाल में पर्याप्त बसों के न चलने से मुश्किल झेल रहे लोग, कोलकाता के कई इलाकों में ट्रैफिक जाम

राज्य ब्यूरो, कोलकाताः बंगाल में अधिकतर निजी बसों के सड़कों से दूर रहने से लॉकडाउन में ढील के बाद काम पर जाने वाले लोगों को थोड़ी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। राज्य में सोमवार को कई निजी कार्यालय और संस्थान सोमवार को खुले लेकिन परिवहन की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने की वजह से मंगलवार को भी लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने शनिवार को लॉकडाउन को 15 जून तक बढ़ाने की घोषणा की है,लेकिन एक जून से शत प्रतिशत कर्मचारियों के साथ सूक्ष्म, छोटे, मझोले और बड़े उद्योगों को खोलने की अनुमति दे दी है।

दक्षिण कोलकाता के कस्बा इलाके में करीब एक घंटे से बस का इंतजार कर रहे एक व्यक्ति ने कहा कि बंगाल परिवहन निगम, उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम, दक्षिण बंगाल राज्य परिवहन निगम शहरों और जिलों में बसों का परिचालन कर रहे हैं,लेकिन इनकी संख्या सीमित है। राज्य में बड़ी संख्या में निजी वाहन सड़कों पर दिखे और टैक्सी एवं ऐप आधारित कैब की भी मांग रही।

इसकी वजह से कोलकाता के कई इलाकों में ट्रैफिक जाम देखने को मिला। उल्लेखनीय है कि बंगाल सरकार ने सीट के अनुपात में यात्रियों के साथ निजी बसों को एक जून से परिचालन की अनुमति दी है लेकिन बस परिचालकों का कहना है कि इस नियम के चलते उन्हें भारी नुकसान होगा। दक्षिण 24 परगना के बरुईपुर से कार्यालय के लिए निकले एक व्यक्ति ने बताया कि उपनगरीय रेल और मेट्रो रेल सेवा बहाल नहीं की गई है जिससे लोगों को बसों, ऑटोरिक्शा पर निर्भर हैं लेकिन इनकी संख्या पर्याप्त नहीं है।

बस मालिकों के संगठन ने परिवहन मंत्री को सौंपा ज्ञापन

बस मालिकों के संगठन ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स ने परिवहन मंत्री शुभेंदु अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर नया किराया तय करने के लिए नियामक कमेटी गठित करने की मांग की है। बस सिंडिकेट्स के महासचिव तपन कुमार बनर्जी ने कहा-'हमने परिवहन भवन जाकर ज्ञापन सौंपा है ।उम्मीद है कि सरकार इसपर विचार करेगी। किराया बढ़ाए बिना हमारे लिए बसें चलाना मुमकिन नहीं है। सरकार इस बाबत नियामक कमेटी का गठन करे और वही कमेटी तय करे कि बस का नया किराया कितना होना चाहिए ताकि हम बिना नुकसान के बसें चला सकें।'  

बनर्जी ने आगे कहा-'हमारी अन्य मांगों में बस कर्मियों के लिए स्वास्थ्य बीमा और उन्हें सैनिटाइजर की आपूर्ति शामिल हैं।' गौरतलब है कि राज्य सरकार बस का किराया बढ़ाने से साफ तौर पर इन्कार कर चुकी हैं, वहीं बस मालिक भी किराया बढ़े बिना बस चलाने के मूड में नहीं हैं।

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