West Bengal : किराया बढ़ाने को तैयार नहीं ममता सरकार, बस मालिक संगठन शनिवार को लेंगे 'अंतिम निर्णय'

मुख्यमंत्री ने कहा-अभी सामाजिक दायित्व समझकर परिसेवा प्रदान करें बस मालिक संगठन ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स ने कहा-टाटा-बिरला जितने अमीर नहीं हैं बस मालिक

By Preeti jhaEdited By: Publish:Thu, 25 Jun 2020 02:09 PM (IST) Updated:Thu, 25 Jun 2020 02:14 PM (IST)
West Bengal : किराया बढ़ाने को तैयार नहीं ममता सरकार, बस मालिक संगठन शनिवार को लेंगे 'अंतिम निर्णय'
West Bengal : किराया बढ़ाने को तैयार नहीं ममता सरकार, बस मालिक संगठन शनिवार को लेंगे 'अंतिम निर्णय'

कोलकाता, राज्य ब्यूरो।  किराया बढ़ाने को लेकर ममता सरकार और बस मालिक संगठनों में तनातनी जारी है।सरकार मौजूदा हालात में किराया बढ़ाने को तैयार नहीं है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि बस मालिक संगठन इस मुश्किल वक्त में सामाजिक दायित्व समझकर परिसेवा प्रदान करें। दूसरी तरफ बस मालिक संगठन भी अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं । उन्होंने भी दो-टूक कह दिया है कि वे अगले शनिवार को आपस में बैठक कर बस परिसेवा पर 'अंतिम निर्णय' लेंगे।

मुख्यमंत्री ने बस मालिक संगठनों को संबोधित करते हुए कहा कि किराया नहीं बढ़ने से बसें नहीं चलाएंगे, अभी यह कहने का वक्त नहीं है। बस मालिकों के लिए पिछले तीन महीने कठिन रहे हैं और अगले तीन महीने भी मुश्किल भरे रह सकते हैं। बस मालिक संगठन अभी सामाजिक दायित्व समझकर परिसेवा प्रदान करें।

मुख्यमंत्री के इस बयान पर ज्वाइंट काउंसिल ऑफ बस सिंडिकेट्स के महासचिव तपन कुमार बनर्जी ने कहा-'इस तरह का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। बस मालिक टाटा-बिरला जितने अमीर नहीं हैं। वे भी सामान्य लोग जैसे ही हैं और बस परिसेवा प्रदान करके अपना परिवार चलाते हैं। हम पिछले एक महीने से नुकसान उठाकर बसें चला रहे हैं लेकिन अपनी जेब से पैसे लगाकर कितने दिनों तक बसें चलाई जा सकती हैं?'

बनर्जी ने आगे कहा-'सरकार हमें लॉकडाउन में तीन बार झांसा दे चुकी है। पहले सरकार की तरफ से कहा गया कि हम खुद से किराया बढ़ा लें। उसके बाद किराया बढ़ाने का प्रस्ताव पेश करने को कहा गया और फिर किराया बढ़ाने को लेकर नियामक कमेटी का गठन कर दिया गया। कमेटी को गठित हुए दो सप्ताह हो चुके हैं लेकिन अब तक कोई रिपोर्ट नहीं पेश की गई है । हम शुक्रवार तक कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार करेंगे, उसके बाद शनिवार को आपस में बैठक कर बस परिसेवा को लेकर अंतिम निर्णय लेंगे।

परिवहन विभाग के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य सरकार इस समय बस किराया बढ़ाकर जनता पर आर्थिक बोझ और नहीं बढ़ाना चाहती। चूंकि सड़कों पर अभी लोग भी कम हैं, इसलिए निजी बसों को लेकर सरकार पर बहुत ज्यादा दबाव भी नहीं है। सरकारी बसों को पर्याप्त संख्या में चलाकर फिलहाल हालात को संभालने की कोशिश की जा रही है।

इस बीच 13 रूटों के बस मालिकों ने खुद से किराया बढ़ा दिया है। इनमें 223, 221, 219, 219/1, केबी-21, 93, 30डी, डीएन-8, 30बी, 30बी/1, 45 और 45ए शामिल हैं। उन्होंने न्यूनतम किराया 10 रुपये कर दिया है और उसके बाद प्रत्येक चरण पर किराए में पांच रुपये की वृद्धि की गई है।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री को सौंपेंगे ज्ञापन

बस एंड मिनी बस ऑनर्स एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रदीप नारायण बोस ने कहा कि तेल के दाम में हुई वृद्धि को लेकर शुक्रवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ को दोपहर 2 बजे ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसी तरह अपरान्ह 3 बजे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को ज्ञापन सौंपकर उनसे बस किराया बढ़ाने पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया जाएगा। 

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