West Bengal: कुछ लोग चुनाव में बंगाल आते हैं और लंबे-चौड़े वादे करके लौट जाते हैं: ममता बनर्जी

West Bengal भाजपा के केंद्रीय नेताओं का नाम लिए बगैर ममता बनर्जी ने कहा कि कुछ लोग हैं जो केवल चुनाव के दौरान राज्य में आते हैं। वे लंबे-चौड़े भाषण देते हैं और उसके बाद लौट जाते हैं।

By Sachin Kumar MishraEdited By: Publish:Sat, 21 Nov 2020 03:28 PM (IST) Updated:Sat, 21 Nov 2020 03:28 PM (IST)
West Bengal: कुछ लोग चुनाव में बंगाल आते हैं और लंबे-चौड़े वादे करके लौट जाते हैं: ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने कहा, कुछ लोग चुनाव में बंगाल आते हैं और लंबे-चौड़े वादे करके लौट जाते हैं। फाइल फोटो

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। West Bengal: बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने भाजपा पर परोक्ष निशाना साधते हुए कहा कि कुछ लोग चुनाव से पहले राज्य में आते हैं और लंबे-चौड़े वादे करके लौट जाते हैं, लेकिन वह पूरे समय जनता के साथ खड़ी रहती हैं। कोलकाता में एक छठ पूजा समारोह का उद्घाटन करते हुए बनर्जी ने कहा कि उनकी सरकार चुनावों के दौरान केवल भाषण देने में भरोसा नहीं करती। पिछले कुछ महीनों में बंगाल आए भाजपा के केंद्रीय नेताओं का नाम लिए बगैर बनर्जी ने कहा, ‘‘कुछ लोग हैं जो केवल चुनाव से पहले और चुनाव के दौरान राज्य में आते हैं। वे लंबे-चौड़े भाषण देते हैं और उसके बाद लौट जाते हैं। उनके उलट हम पूरे साल, हर हाल में जनता के साथ रहते हैं।’’ बंगाल में अगले साल अप्रैल-मई में विधानसभा चुनाव होने हैं।

लोगों से कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए छठ पूजा में शामिल होने का अनुरोध करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार ने लोगों को ईद, दुर्गा पूजा, काली पूजा और अब छठ मनाने से नहीं रोका। बनर्जी ने कहा कि अनेक राज्यों ने लोगों से घरों में छठ पूजा करने को कहा है लेकिन हमने लोगों को छोटे समूहों में तालाबों और सरोवरों तक जाने की अनुमति दी है। उल्लेखनीय है कि शनिवार सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो गया। राजधानी कोलकाता सहित बंगाल के विभिन्न हिस्सों में लोगों ने उत्साह के साथ छठ महापर्व मनाया। हालांकि कोरोना के चलते इस बार घाटों पर भीड़ की इजाजत नहीं थी। सभी नियमों का पालन करते हुए लोगों ने इस बार छठ मनाया। इधर, विभिन्न राजनीतिक दल के नेता व कार्यकर्ता भी छठ व्रतियों की सेवा में विभिन्न गंगा घाटों और तालाबों के पास मुस्तैद दिखे। छठ को लेकर विभिन्न घाटों की साफ- सफाई के साथ उसे लाइटों से सजाया भी गया था। 

chat bot
आपका साथी