राज्यभर में सस्ता अस्पताल निर्माण को जिलाधिकारियों को पत्र

जागरण संवाददाता कोलकाता राज्य के मध्यम वर्गीय लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सेवाएं मुहैया कराने क

By JagranEdited By: Publish:Wed, 25 Sep 2019 11:48 AM (IST) Updated:Wed, 25 Sep 2019 11:48 AM (IST)
राज्यभर में सस्ता अस्पताल निर्माण को जिलाधिकारियों को पत्र
राज्यभर में सस्ता अस्पताल निर्माण को जिलाधिकारियों को पत्र

जागरण संवाददाता, कोलकाता : राज्य के मध्यम वर्गीय लोगों को बेहतर चिकित्सकीय सेवाएं मुहैया कराने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुए राज्य की ममता सरकार ने राज्यभर में बजट अस्पतालों की स्थापना का निर्णय लिया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया है कि 2011 में राज्य की सत्ता में आने के बाद से ही मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य मंत्रालय को अपने पास रखा है और उसमें ढाचागत विकास से लेकर तमाम तरह की चिकित्सकीय सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। साथ ही अब इस पहल के जरिए निर्णय लिया गया है कि राज्यभर में कम खर्च में बेहतर चिकित्सा की सुविधाओं को और अधिक अस्पतालों की स्थापना की जाएगी। अभी कोलकाता के एसएसकेएम अस्पताल के वुडबर्न वार्ड में एक साल पहले ही सुपर स्पेशलिटी सेवाएं शुरू की गई हैं, जहा शीर्ष गुणवत्ता वाले निजी अस्पतालों की तुलना में कम दरों पर बेड व इलाज मुहैया कराए जा रहे हैं, जो काफी सफल रहा है और इसी को देखते हुए बजट अस्पताल स्थापित करने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों को एक चिट्ठी लिखी गई है, जिसमें विभिन्न क्षेत्रों में अस्पतालों की स्थापना को जमीन चिन्हित करने को कहा गया है। बताया गया कि परियोजना तीन मॉडलों का पालन करेगी। सबसे पहले जिला अस्पतालों में मौजूद केबिनों को फिर से तैयार किया जाएगा। दूसरा नए केबिन बनाए जाएंगे, जहा बिल्डिंग स्पेस उपलब्ध है और तीसरा नए अस्पतालों का निर्माण किया जाएगा, जहा न तो केबिन हैं और न ही इमारत की जगह है और ये पूर्ण रूप से विकसित बजट अस्पताल होंगे। इसके अलावा रखरखाव सुनिश्चित करने को यह निर्णय लिया गया है कि किसी अस्पताल की कमाई का 75 फीसद हिस्सा उस अस्पताल के विकास के लिए रखा जाएगा और 25 फीसद को वहा कार्यरत चिकित्सकों के बीच प्रोत्साहन के रूप में वितरित किया जाएगा। दरअसल, राज्य सरकार को हर साल स्वास्थ्य समूह चिकित्सा बीमा योजना के लिए 925 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ते हैं। अगर जो लोग सेवाओं के लिए भुगतान कर सकते हैं, वे भुगतान करते हैं, तो इससे सरकार पर भार कम होगा। इसके द्वारा असक्षम गरीबों के इलाज में मदद मिलेगी।

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