International Border : बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा से दुर्लभ प्रजाति की टोके गेको छिपकली के साथ तस्कर को पकड़ा

International Border बांग्लादेश से तस्करी करके लाई जा रही थी छिपकली अंतरराष्ट्रीय बाजार में लाखों में है कीमत। टोके गेको छिपकली एक दुर्लभ और लुप्त प्रजाति की है जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। भारत के रास्ते दक्षिण- पूर्व एशियाई देशों में अवैध तस्करी की जाती है।

By Vijay KumarEdited By: Publish:Tue, 03 Nov 2020 05:51 PM (IST) Updated:Tue, 03 Nov 2020 05:51 PM (IST)
International Border : बीएसएफ ने बांग्लादेश सीमा से दुर्लभ प्रजाति की टोके गेको छिपकली के साथ तस्कर को पकड़ा
छिपकली का उपयोग मर्दानगी बढ़ाने वाली दवा में प्रयोग किया जाता है।

राज्य ब्यूरो, कोलकाता : सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने बंगाल के नदिया जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास तस्करी को नाकाम करते हुए दुर्लभ प्रजाति की एक टोके गेको छिपकली के साथ तस्कर को गिरफ्तार किया है। बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से मंगलवार को जारी बयान में बताया गया कि  छिपकली को सोमवार को बांग्लादेश से भारत में बीएसएफ के सुंदर सीमा चौकी क्षेत्र से होकर तस्करी करके लाई जा रही थीं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में छिपकली की कीमत लाखों में है।

एम्बुश पार्टी नेबांग्लादेशी तस्कर की संदिग्ध गतिविधियां देखी

बयान के मुताबिक, सोमवार को खुफिया शाखा द्वारा सीमा चौकी सुन्दर, 8वीं बटालियन, सेक्टर कृष्णानार के इलाके से तस्करी होने की सूचना मिलने पर कंपनी कमांडर ने एक एम्बुश की योजना बनाई। उसके पश्चात एम्बुश पार्टी ने बांग्लादेश की तरफ से आते हुए एक बांग्लादेशी तस्कर की संदिग्ध गतिविधियों को देखा, जो कि अपने हाथ में एक लाल रंग का छोटा थैला लिए हुआ था और उस थैला को एक भारतीय तस्कर को दे रहा था। 

तस्कर घने केले के बगीचे का फायदा उठाकर भागने में सफल

जवानों द्वारा चुनौती दिए जाने पर दोनों तस्कर भागने लगा। हालांकि जवानों ने पीछा कर एक भारतीय तस्कर को थैला सहित पकड़ लिया जबकि बांग्लादेशी तस्कर घने केले के बगीचे का फायदा उठा कर भागने में सफल रहा। थैले से एक टोके गेको छिपकली मिला। वहीं, पकड़े गए तस्कर का नाम आशीष विश्वास है। 

कानिबामणि के कहने पर बॉर्डर एरिया में छिपकली लेने आया

वह नदिया के धानतला थाना क्षेत्र का रहने वाला है। उसने पूछताछ में बताया कि वह मिराज विश्वास, ग्राम-  कानिबामणि के कहने पर बॉर्डर एरिया में छिपकली लेने आया था। बीएसएफ ने आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए गिरफ्तार तस्कर को जब्त छिपकली के साथ राणाघाट वन्यजीव प्राधिकरण को सौंप दिया है।

टोके गेको छिपकली से कई प्रकार की बनाई जाती है दवा

अधिकारियों ने बताया कि टोके गेको छिपकली एक दुर्लभ और लुप्त प्रजाति की है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में बहुत मांग है। भारत के रास्ते दक्षिण- पूर्व एशियाई देशों में इसकी अवैध तस्करी की जाती है। यह छिपकली मुख्यतः इंडोनेशिया, बांग्लादेश, पूर्वोत्तर भारत, फिलीपींस तथा नेपाल में पाई जाती है। 

छिपकली का उपयोग मर्दानगी बढ़ाने वाली दवा में प्रयोग

इस छिपकली का उपयोग मर्दानगी बढ़ाने वाली दवा के अलावा डायबिटीज, एड्स और कैंसर आदि की दवा बनाने में किया जाता है। इन दुर्लभ प्रजाति के जीवों को रखना या इनका व्यापार करना भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के प्रावधान 4 के अंतर्गत प्रतिबंधित है।

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