हेमटोलॉजी पर विभिन्न वैज्ञानिक शोध व विकास पर की गई चर्चा

-बंगाल सोसाइटी ऑफ हेमेटोलॉजी (बीएसएच) ने महानगर में रक्त विकारों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर

By JagranEdited By: Publish:Tue, 18 Feb 2020 07:48 PM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 06:23 AM (IST)
हेमटोलॉजी पर विभिन्न वैज्ञानिक 
शोध व विकास पर की गई चर्चा
हेमटोलॉजी पर विभिन्न वैज्ञानिक शोध व विकास पर की गई चर्चा

-बंगाल सोसाइटी ऑफ हेमेटोलॉजी (बीएसएच) ने महानगर में रक्त विकारों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अपने 5 वें वार्षिक सम्मेलन बेशकॉन 2020 का आयोजन किया

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राज्य ब्यूरो, कोलकाता :

बंगाल सोसाइटी ऑफ हेमेटोलॉजी (बीएसएच) ने महानगर में रक्त विकारों से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए अपने 5 वें वार्षिक सम्मेलन बेशकॉन 2020 का आयोजन किया। हेमटोलॉजी के क्षेत्र में किए गए विभिन्न वैज्ञानिक शोधों और विकास के बारे में चर्चा के अलावा इस वर्ष सम्मेलन के एक भाग के रूप में एक और पहल, हैम-अंजलि की शुरुआत की गई। हैम-अंजलि नैतिक और न्यायसंगत चिकित्सा सेवाओं के नए संदभरें को परिभाषित करेगा। सम्मेलन का विषय था हेमटोलॉजी - ब्रेकिंग बाउंड्रीज। इसमें डॉक्टर और रोगी के बीच संबंधों को मजूबत बनाने पर जोर दिया गया।

डॉ राजीब दे, आयोजन सचिव

हैम-अंजलि, बेशकॉन 2020 ने कहा कि हेमेटोलॉजी शब्द का संबंध विभिन्न रक्त संबंधी बीमारियों और इसके उपचार से है। यह मुख्य रूप से हेमाटो-ऑन्कोलॉजी (रक्त से संबंधित कैंसर जैसे ल्यूकेमिया, लिम्फोमा, मायलोमा आदि) और बेनिन हेमैटोलॉजी (एनीमिया, थैलेसीमिया, हीमोफिलिया, आईटीपी आदि जैसे कैंसर से संबंधित रक्त संबंधी बीमारियों) को संबोधित करता है। अस्थि मज्जा से रक्त कोशिकाओं जैसे लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और प्लेटलेट्स का उत्पादन होता है। इन तीन प्रकार के सेल से संबंधित कोई भी बीमारी हेमेटोलॉजी के अनुशासन के अंतर्गत आती है। कुछ रक्त संबंधी रोग (थैलेसीमिया या हीमोफिलिया) ज्यादातर वंशानुगत होते हैं और अन्य प्रकार की रक्त संबंधी बीमारियां होती हैं (रक्त कैंसर, अप्लास्टिक एनीमिया, आईटीपी आदि) जो समय के साथ विकसित हो सकती हैं।

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