काग्रेस के सिद्धातों से समझौता कर नहीं होगा गठबंधन : सोमेन

कहा-अगर पश्चिम बंगाल में किसी पार्टी से हमारा गठबंधन होगा भी तो वह काग्रेस के सिद्धातों से समझौत

By JagranEdited By: Publish:Sat, 10 Nov 2018 02:59 AM (IST) Updated:Sat, 10 Nov 2018 02:59 AM (IST)
काग्रेस के सिद्धातों से समझौता कर नहीं होगा गठबंधन : सोमेन
काग्रेस के सिद्धातों से समझौता कर नहीं होगा गठबंधन : सोमेन

कहा-अगर पश्चिम बंगाल में किसी पार्टी से हमारा गठबंधन होगा भी तो वह काग्रेस के सिद्धातों से समझौते की शर्त पर नहीं हो सकता

जागरण संवाददाता, कोलकाता : पश्चिम बंगाल में साल 2019 के आम चुनाव से पहले सत्तारूढ़ तृणमूल काग्रेस या माकपा के साथ काग्रेस के गठबंधन के कयास लगाए जा रहे हैं, लेकिन शुक्रवार को इन सभी पर विराम लगाते हुए प्रदेश काग्रेस अध्यक्ष सोमेन मित्रा ने कहा कि प्रदेश में पार्टी अपने सिद्धातों से समझौता कर किसी भी पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी। काग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है जिसमें सभी क्षेत्रीय पार्टिया समाहित होती हैं। अगर पश्चिम बंगाल में किसी पार्टी से हमारा गठबंधन होगा भी तो वह काग्रेस के सिद्धातों से समझौते की शर्त पर नहीं हो सकता। ज्ञात हो कि राज्य में से चर्चा चल रही थी कि काग्रेस राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल के साथ चुनावी गठबंधन कर सकती है। इसके साथ ही यह भी चर्चा थी कि उसके बाद चिटफंड समेत अन्य मुद्दों पर तृणमूल के साथ-साथ काग्रेस अध्यक्ष राहुल गाधी को भी घेरने की शुरुआत भाजपा करेगी। उधर माकपा के राज्य महासचिव सूर्यकात मिश्रा ने काग्रेस को खुले समर्थन की घोषणा करते हुए कहा था कि वर्तमान में केंद्र की सत्ता से भाजपा को उखाड़ फेंकना ही मूल लक्ष्य है। इसके लिए महागठबंधन होना चाहिए। इन दोनों ही कयासों पर अपना रुख स्पष्ट करते हुए सोमेन मित्रा ने कहा कि मैं कोई नहीं होता हूं गठबंधन का फैसला करने वाला। लोकसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्तर पर होने वाले प्रत्येक गठबंधन को प्रदेश में भी माना जाएगा लेकिन मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि राज्य में पार्टी कोई भी ऐसा गठबंधन नहीं करेगी जो सागठनिक अस्तित्व के लिए सही नहीं हो। उनका इशारा तृणमूल काग्रेस की ओर था। माकपा के बारे में भी रुख स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि विधानसभा और पंचायत चुनाव में कई जगह माकपा के साथ चुनावी गठबंधन रहा है लेकिन इसका कोई लाभ पार्टी को नहीं हुआ। उल्टे लोगों के पास ऐसा संदेश गया कि 34 सालों तक वाममोर्चा के सत्ता में रहते हुए जो काग्रेस उसके खिलाफ लड़ती रही, वहीं चुनावी फायदे के लिए माकपा के साथ गठबंधन कर चुकी है। ऐसे में मेरी प्राथमिकता है कि राज्य में किसी भी तरह का कोई चुनावी गठबंधन ना कर काग्रेस अपने दम पर चुनाव लड़े। इससे हमारी संगठन क्षमता मजबूत होगी और राज्य के लोगों के बीच अच्छा संदेश जाएगा। सोमेन ने कहा कि एक महीने पहले मुझे प्रदेश काग्रेस का अध्यक्ष बनाया गया था तब दिल्ली जाकर मैंने अध्यक्ष राहुल गाधी से मुलाकात की थी। उन्होंने स्पष्ट किया था कि प्रदेश में संगठन की मजबूती हमारी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए और मैं उसी लक्ष्य से काम कर रहा हूं। ज्ञात हो कि पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी ने सभी 42 सीटों पर जीत दर्ज करने का दावा किया है। उधर भाजपा ने राज्य में कम से कम 22 सीटें जीतने का लक्ष्य तय कर आक्रामक प्रचार अभियान की शुरुआत कर चुकी है। ऐसे में राष्ट्रीय स्तर के साथ-साथ प्रदेश में भी महागठबंधन की चर्चा जोरों पर है लेकिन ना तो तृणमूल और ना ही काग्रेस अथवा माकपा इस पर खुलकर फैसला ले पा रहे हैं। आगामी 13 और 14 नवंबर को प्रदेश काग्रेस की दो दिवसीय रणनीतिक बैठक है जिसमें इस पर अंतिम फैसला लिया जा सकता है।

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