चिटफंड कंपनियों पर जल्द लगेगा लगाम : सेबी

बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन यूके सिन्हा ने उम्मीद जताई है कि राज्यस्तरीय समन्वय कमेटी के गठन के बाद चिटफंड कंपनियों के काले कारोबारों पर लगाम लगाना संभव होगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 24 Jul 2015 03:17 AM (IST) Updated:Fri, 24 Jul 2015 03:19 AM (IST)
चिटफंड कंपनियों पर जल्द लगेगा लगाम : सेबी

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के चेयरमैन यूके सिन्हा ने उम्मीद जताई है कि राज्यस्तरीय समन्वय कमेटी के गठन के बाद चिटफंड कंपनियों के काले कारोबारों पर लगाम लगाना संभव होगा। जल्द गठित होनवाली इस कमेटी में आरबीआइ के प्रतिनिधि, राज्यों के मुख्य सचिव व कैपिटल मार्केट रेगुलेटर्स शामिल होंगे। गुरुवार को कोलकाता में भारत चेंबर आफ कामर्स की ओर से आयोजित सेमिनार में बोलते हुए सिन्हा ने कहा कि आरबीआइ, सेबी व राज्य सरकारों के मुख्य सचिवों को लेकर बनने वाली कोऑर्डिनेशन कमेटी से हम जल्द चिटफंड कारोबार पर लगाम लगाने में सफल होंगे। उन्होंने कहा कि चिटफंड से जुड़े मामलों की जांच कई एजेंसियों के जुटने से समन्वय में थोड़ी कमी है।

सेबी प्रमुख के मुताबिक, हालांकि सरकार को यह आभास हो चुका है इसलिए तीन विधेयकों को मिलाकर जुलाई, 2014 में सेबी एक्ट बनाया गया। उन्होंने कहा कि फिलहाल आरबीआइ, सेबी व कॉरपोरेट मंत्रालय सहित कई अन्य एजेंसियां चिटफंड मामले की जांच में जुटी है।

सिन्हा ने बताया कि 100 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश संबंधी योजनाओं के कानूनी पक्ष को देखने का अधिकार सेबी को मिल चुका है। जबकि 100 करोड़ से नीचे के निवेश पर निगरानी का अधिकार राज्य सरकार को है, जिन्होंने इससे निपटने के लिये कई विधेयक पास कर रखे हैं।

सेबी प्रमुख ने दावा किया कि चिटफंड कारोबार का घोटाला देश के पूर्वी क्षेत्र में सबसे ज्यादा सामने आया है, जहां इन योजनाओं में निवेश के प्रति लोगों का रूझान ज्यादा है।

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