कोलकाता के पास हवाई अड्डे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर बंगाल सरकार दुविधा में

तकरीबन साढे तीन हजार एकड़ जमीन की जरूरत सरकार को भूमि अधिग्रहण के प्रतिवाद की सता रही चिंता। राज्य सरकार वहां जमीन अधिग्रहण करने से पहले काफी सोच-विचार कर रही है।कोलकाता के पास हवाई अड्डे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर बंगाल सरकार दुविधा में है।

By Priti JhaEdited By: Publish:Tue, 25 Jan 2022 09:32 AM (IST) Updated:Tue, 25 Jan 2022 09:32 AM (IST)
कोलकाता के पास हवाई अड्डे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर बंगाल सरकार दुविधा में
कोलकाता के पास हवाई अड्डे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर बंगाल सरकार दुविधा में

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। कोलकाता के पास हवाई अड्डे के निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर बंगाल सरकार दुविधा में है। हवाई अड्डे के निर्माण के लिए तकरीबन साढे तीन हजार एकड़ जमीन की जरूरत है। एक साथ इतनी जमीन कोलकाता से सटे दक्षिण 24 परगना जिले के भांगड़ इलाके में ही उपलब्ध है। भांगड़ में मुख्य रूप से कृषि जमीन, मत्स्य पालन केंद्रों के अलावा 30 कब्रिस्तान हैं। भांगड़ में जमीन अधिग्रहण करने में पहले भी काफी समस्या हो चुकी है। इलाके में पावरग्रिड परियोजना को स्थानीय लोगों के कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था इसलिए राज्य सरकार वहां जमीन अधिग्रहण करने से पहले काफी सोच-विचार कर रही है।

गौरतलब है कि जमीन अधिग्रहण के खिलाफ हुए सिंगुर- नंदीग्राम आंदोलन के कारण पूर्ववर्ती वाममोर्चा सरकार का पतन हो गया था, इसलिए ममता सरकार इसे लेकर काफी अलर्ट है। फिलहाल भांगड़-2 ब्लाक के भोगाली एक नंबर ग्राम पंचायत में प्राथमिक तौर पर भूमि चिन्हित करने का काम शुरू किया गया है। स्थानीय एक वाशिंदा ने बताया कि भांगड़ की भूमि काफी उपजाऊ है। यहां कई तरह की फसलें होती हैं लेकिन किसानों को उनका उचित मूल्य नहीं मिल पाता है इसलिए अधिकतर ने अपनी कृषि जमीन मत्स्य पालन केंद्रों के लिए मछली व्यापारियों को लीज पर दे रखी है। इससे उन्हें अच्छी-खासी आय हो जाती है। ऐसे में भला अपनी जमीन कौन बेचना चाहेगा। वैसे यहां जमीन का वर्तमान बाजार मूल्य 50 हजार रुपये प्रति कट्ठा के आसपास है। स्थानीय लोगों के एक वर्ग का कहना है कि कब्रिस्तान में उनके पूर्वजों की समाधि है इसलिए उस भूमि का अधिग्रहण न होना ही अच्छा है। राज्य सरकार वहां जमीन अधिग्रहण करने से पहले काफी सोच-विचार कर रही है।

स्थानीय पंचायत समिति के भूमि कर्माध्यक्ष काइजर अहमद ने कहा कि इलाके के विकास के लिए सहयोग करना जरूरी है।असंभव कुछ भी नहीं है। बातचीत करके समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। 

chat bot
आपका साथी