माता-पिता से कहासुनी के बाद बांग्लादेशी छात्र ने लांघी सरहद, पकड़े जाने पर बीएसएफ ने मानवीय आधार पर बीजीबी को सौंपा
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि 16 जनवरी की सुबह लगभग 1130 बजे मुर्शिदाबाद में बल की सीमा चौकी राजानगर 117वीं बटालियन के ड्यूटी पर तैनात जवानों ने अपने सीमा इलाके में कुछ संदेहजनक गतिविधि को देखा।
राज्य ब्यूरो, कोलकाता। अपने माता -पिता से कहासुनी होने पर नाराज एक बांग्लादेशी छात्र घर से भागकर अनजाने में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करके बांग्लादेश से भारत में घुस आया। यहां अवैध तरीके से सीमा पार करने के आरोप में अंतररराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने उसे पकड़ लिया। हालांकि उसकी आपबीती सुनने के बाद बीएसएफ ने मामले की पड़ताल कर मानवीय आधार पर उसे बार्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) को वापस सौंप दिया है। यह घटना बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के सीमावर्ती इलाके की है।
बीएसएफ के दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की ओर से जारी एक बयान में बताया गया कि 16 जनवरी की सुबह लगभग 11:30 बजे मुर्शिदाबाद में बल की सीमा चौकी राजानगर, 117वीं बटालियन के ड्यूटी पर तैनात जवानों ने अपने सीमा इलाके में कुछ संदेहजनक गतिविधि को देखा। जवानों ने कार्यवाही करते हुए एक बांग्लादेशी युवक को गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ में अपना नाम मोहम्मद आशिक अली (20) और बांग्लादेश के राजशाही जिले के गांव- टोंगन, थाना-कतखली का रहने वाला बताया। प्रारंभिक पूछताछ में उसने बीएसएफ को बताया कि वह 11वीं कक्षा का छात्र है। अपने माता -पिता से कहासुनी होने पर वह घर से भाग आया था और अनजाने में वह अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करके बांग्लादेश से भारत में घुस आया।
बीएसएफ ने गिरफ्तार युवक को बीजीबी को सौंपा
इसके बाद बीएसएफ ने मामले की पड़ताल कर फ्लैग मीटिंग कर सद्भावना के रूप में बांग्लादेशी छात्र को बीजीबी को सौंप दिया। दक्षिण बंगाल फ्रंटियर बीएसएफ के डीआइजी व प्रवक्ता सुरजीत सिंह गुलेरिया ने बताया कि हमारे जवान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अवैध घुसपैठ करने वाले लोगों पर पैनी नजर बनाकर रखते हैं। बीएसएफ ने गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक (छात्र) के भविष्य को देखते हुए तथा उसके किसी भी प्रकार की अपराधिक गतिविधि में शामिल न पाए जाने के बाद सुरक्षित बीजीबी, बांग्लादेश को सौंप दिया है।