अलीपुर सेंट्रल जेल में अब अधिकारियों की भी होगी तलाशी

-जेल में प्रतिबंधित सामानों की तस्करी की रोकथाम के लिए विशेष पहल -जेल अधीक्षक की भी हो रही है

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jun 2018 04:57 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jun 2018 04:57 PM (IST)
अलीपुर सेंट्रल जेल में अब अधिकारियों की भी होगी तलाशी
अलीपुर सेंट्रल जेल में अब अधिकारियों की भी होगी तलाशी

-जेल में प्रतिबंधित सामानों की तस्करी की रोकथाम के लिए विशेष पहल

-जेल अधीक्षक की भी हो रही है तलाशी, बिना जांच जेल में नहीं घुस रहा कोई अधिकारी

जागरण संवाददाता, कोलकाता : कोलकाता के ऐतिहासिक अलीपुर सेंट्रल जेल में गांजा, शराब, मोबाइल आदि प्रतिबंधित सामानों के साथ जेल अस्पताल के चिकित्सक की गिरफ्तारी के बाद जेल प्रबंधन ने विशेष सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है। अब यहां सुरक्षा में तैनात तमाम उच्च पदस्थ अधिकारियों को भी प्रवेश से पहले तलाशी से गुजरना पड़ रहा है। जेल सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि गिरफ्तार चिकित्सक अमिताभ चौधरी की पहले कभी भी चेकिंग नहीं हुई थी। इसी का फायदा उठाकर वह लगातार प्रतिबंधित सामानों को अंदर ले आता था और कैदियों को देता था। इसके बाद जेल प्रबंधन ने साफ निर्देश दिया कि अब जेल के उच्च पदस्थ अधिकारियों की भी तलाशी होगी। यहां तक कि जेल अधीक्षक की भी तलाशी ली जा रही है। इसके पहले जेल के उच्चाधिकारियों की तलाशी नहीं ली जाती थी क्योंकि तस्करी रोकने की जिम्मेवारी इन्हीं की थी। अब जब इन अधिकारियों की भी तलाशी ली जा रही है तो इससे जेल के अन्य अधिकारी व सुरक्षाकर्मी भी इस जांच प्रक्रिया का हिस्सा बन गए हैं और कोई भी आपत्ति नहीं कर रहा है। इसके पहले एक वार्डन को भी प्रतिबंधित सामानों के साथ गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद वार्डन की तलाशी पहले से ही होती रही है। अब उच्चाधिकारियों की तलाशी शुरू होने के बाद अंदाजा लगाया जा रहा है कि जेल में प्रतिबंधित सामानों की तस्करी पर रोक लगाई जा सकेगी।

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एक कैदी की पत्नी थी तस्करी में अहम साथी

-जेल में 35 मोबाइल फोन, 28 चार्जर, 5 किलो गांजा, 4 लिटर शराब और 1.40 लाख रुपये के साथ गिरफ्तार किए गए चिकित्सक अमिताभ चौधरी की मददगार इसी जेल में बंद एक कैदी की पत्नी रही है। उसका नाम नमिता मोदक है। उसे गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सेंट्रल जेल में बंद कैदी बक्रेश्वर मोदक ही उन सभी कैदियों तक सभी तरह के प्रतिबंधित सामानों को पहुंचाने का ठेका लेता था। जो कैदी जो कुछ भी मांगते थे वह अपनी पत्नी को बता देता था। वह उन सामानों की व्यवस्था कर चिकित्सक से बाहर मिलकर सौंप देती थी। चिकित्सक उसे लेकर जेल में आ जाता था और बक्रेश्वर के हवाले कर देता था जहां से कैदियों तक पहुंचा दिया जाता था।

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कई संदिग्धों पर नजर

-पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि नमिता व बक्रेश्वर से पूछताछ के बाद कई अन्य कैदियों व वार्डन के बारे में पता चला है। उन लोगों से भी पूछताछ की जा रही है। उम्मीद है कि जल्द ही कई लोगों की भी गिरफ्तारी होगी।

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